अल्ताफ हुसैन पर चलेगा मुक़दमा?

altaf-hussain-51e1aea120ea5_lब्रिटिश पुलिस ने पाकिस्तान की एक राजनीतिक पार्टी मुत्तहिदा क़ौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन के लंदन स्थित घर और एमक्यूएम के पार्टी कार्यालय पर छापा मारा और उनके घर से लगभग दो करोड़ 27 लाख रुपए और पार्टी कार्यालय से एक करोड़ 36 लाख रुपए बरामद किए।

16 सितंबर 2010 को लंदन में एडवर्ट ट्यूब स्टेशन से बाहर निकलने के बाद एमक्यूएम पार्टी के वरिष्ट नेता इमरान फ़ारूक़ की उनके घर के सामने चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी।

वे पार्टी के एक अहम नेता थे और लंदन में निर्वासन में रह रहे थे। इमरान फ़ारूक़ की मौत पर अल्ताफ हुसैन को सावर्जनिक रुप से उनको रोते हुए देखा गया था।

वे इमरान फ़ारूक़ की ह्त्या में अपनी किसी तरह की भूमिका से इंकार करते रहे हैं।

लंदन से जुड़ते हिंसा के तार

एक सार्वजनिक सभा में बोलते हुए अल्ताफ हुसैन ने हिंसक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा था, “अपना नाप तैयार करो, बोरी हम तैयार करेंगे।” पार्टी के प्रभाव वाले क्षेत्र कराची में हिंसा भड़काने के आरोप उन पर लग रहे हैं।

पुलिस अधिकारी उस वीडियो और पाकिस्तान में लंदन से हिंसा फैलाने की शिकायतों की जांच कर रहे हैं। इस सिलसिले में पुलिस विस्तृत पड़ताल और गहन छानबीन कर रही है।

एमक्युएम की पार्टी के नेता फ़ारुक़ सत्तार का कहना है कि “उन्होनें ऐसी कोई बात नही कही है, जैसा बीबीसी बता रही है। उन्होंने भावना में बहकर इस तरह की बात कही होगी। अल्ताफ हुसैन के ख़िलाफ़ ब्रिटेन में षडयंत्र हो रहा है।”

वहीं पाकिस्तान के एक नेता ने बीबीसी को बताया कि “हम गिन नहीं सकते कि कितने लोग मारे गए? लेकिन एमक्युएम के लोगों ने क़रीब सौ लोगों की हत्या की।

जब मैने उनसे पूछा कि आप लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं तो उनका जवाब था कि हमें लंदन से इस तरह की घटना को अंजाम देने के आदेश मिले हैं।”

अल्ताफ हुसैन की भूमिका

मुत्तहिदा क़ौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में ताक़तवर पार्टी है। यह लंदन से इसके नेता अल्ताफ हुसैन द्वारा संचालित होती है।

उनका पार्टी के ऊपर पूरा नियंत्रण है। वे पिछले 20 सालों से ब्रिटेन में रह रहे हैं। उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट है।

उनके आवास और कार्यालय पर छापे में करोड़ों रुपए बरामद हुए हैं। इससे उनके लंदन से पाकिस्तान में हिंसा फैलाने के आरोप लग रहे हैं। उनकी पाकिस्तान में बहुत जटिल और विरोधाभासी छवि है।

अल्ताफ हुसैन ने अपने लिखे पत्र में कहा कि “हम सिंध प्रांत में जासूसी के असीमित संसाधन उपलब्ध करवा सकते हैं।” यह उन्होनें 9/11 की घटना के एक सप्ताह के भीतर लिखा था।

पाकिस्तान के विदेश विभाग ने उनके पत्र को वैध मानने से इंकार कर दिया। बीबीसी को मिली जानकारी के अनुसार पत्र अल्ताफ हुसैन के द्वारा ही लिखा गया है।

अल्ताफ हुसैन इस समय काफ़ी दबाव में हैं। पाकिस्तान में लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या ब्रिटेन में उनके ख़िलाफ मुक़दमा चलाया जाएगा?