अब लाइलाज नहीं रहेगा एचआईवी एड्स !

AidsAwarenessअब तक लाइलाज माने जाने वाले एड्स के उपचार की दिशा में एक बड़ी संभावना सामने आई है। अमेरिका में दो एचआईवी संक्रमित कैंसर रोगियों के इलाज के दौरान यह चौंकाने वाली बात सामने आई जिसमें बोन मैरो ट्रांस्प्लांट के बाद उनके शरीर में एचआईवी वायरस समाप्त हो गए हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, ये दोनों ब्लड कैंसर के मरीज हैं और हाल में इन्होंने बोन मैरो ट्रांस्पलांट करवाया जिसमें इनके रक्त की कोशिकाओं को स्वस्थ व्यक्ति के रक्त से बदला गया। इसके बाद उन्होंने उपचार के दौरान चल रही एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी रोक दी गई। चौंकाने वाली बात ये रही कि उनके ब्लड टेस्ट के सैंपल में एचआईवी वायरस नहीं मिले।

हॉवर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं टिमोती हेनरिक और डेनियल कुर्टिजेस ने उनके रक्त के परीक्षण के बाद माना कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट के आठ महीने बाद भी उनके रक्त में एचआईवी वायरस नहीं पाए गए हैं लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगा कि वे पूरी तरह एचआईवी से मुक्त हो गए हैं।

मलेशिया में एड्स पर हुए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में इन्होंने इस बारे में जानकारी दी। हे‌नरिक के अनुसार, ‘दोनों मरीज फिलहाल पूरी तरह ठीक हैं लेकिन यह कहना अभी जल्दबाजी है कि यह एड्स का प्रभावी उपचार है। सिर्फ समय ही इस बारे में बता सकता है।’

इस बारे में ‘द फाउंडेशन ऑफ एंड्स रिसर्च’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केविन रोबर्ट फ्रोस्ट ने बताया कि यह शोध एचआईवी के उपचार में चमत्कार साबित हो सकता है। चूंकि स्टेम सेल ट्रांसप्लांट हर किसी के लिए आसान नहीं है इसलिए इन दो मामलों में मिली सफलता हमारी लिए नई उम्मीद साबित हो सकती है।