उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही मची हुई है लेकिन केंद्र सरकार का सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इससे बेखबर बना हुआ है।
सोमवार शाम तक भी मंत्रालय के आला अधिकारियों को राज्य की सड़कों को हुए नुकसान का अंदाजा नहीं था।
मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई टीम उत्तराखंड रवाना नहीं हुई है।
जबकि राज्य के छह प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग बंद पड़े हैं और अकेले गढ़वाल मंडल में 125 से ज्यादा सड़कों पर आवाजाही बंद है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री पद से सीपी जोशी के इस्तीफे और नए मंत्री के इंतजार के बीच आला अधिकारी राजधानी से सिर्फ 250 किलोमीटर दूर मचे कहर को नजरअंदाज करते रहे।
इस बारे में पूछने पर मंत्रालय में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की जिम्मेदारी संभालने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके पास उत्तराखंड में हुए नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
मंगलवार तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले गृह मंत्रालय की ओर से भी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश नहीं मिले।
देहरादून में तैनात मंत्रालय के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पंकज कुमार मौर्य ने बताया कि सीमा सड़क संगठन के दस्ते बंद राजमार्गों को खोलने में जुटे हैं, लेकिन बारिश का कहर पिछले वर्षों के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
केदारनाथ, गंगोत्री, बद्रीनाथ को जोड़ने वाले राजमार्गों पर भारी भूस्खलन की खबर है। भारी बारिश से राज्य में छह राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवाजाही बंद है।
इस साल हुई तबाही को देखते हुए राहत बचाव कार्य में केंद्र से कहीं ज्यादा मदद की जरूरत महसूस की जा रही है।