मानसून पूर्व की बारिश से उत्तर भारत को राहत
नई दिल्ली चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से जूझ रहे उत्तर भारत को मंगलवार को काफी राहत मिली। मानसून पूर्व की बारिश ने इस क्षेत्र के कई हिस्सों को भिगोया तो तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। कई मैदानी इलाकों में भारी बारिश से लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ाई, लेकिन गर्मी से मिली राहत के आगे यह फीकी पड़ गई। वहीं देश के पूर्व भाग में दक्षिण पश्चिम मानसून झारखंड तक सक्रिय हो गया है।
राजधानी दिल्ली में मंगलवार को बारिश तो नहीं हुई, लेकिन आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहे। इसके चलते पारा खूब लुढ़का। यहां अधिक तम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली और आसपास में क्षेत्रों में लोगों के लिए काफी दिनों के बाद सुबह और शाम काफी खुशनुमा रहा। यहां बुधवार को बारिश की संभावना है। पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा को भी कई दिनों बाद लू के थपेड़ों से राहत मिली। दोनों राज्यों में कई स्थानों पर बारिश हुई। चंडीगढ़ में धूल भरी आंधी भी चली। अमृतसर में 40 मिली तक बारिश हुई, लेकिन इससे पूर्व यहां पारा 42 डिग्री के पार चला गया था। हरियाणा के अंबाला का तापमान सबसे अधिक 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मानसून पूर्व की झमाझम बारिश ने मंगलवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश को राहत की सांस दी। मुरादाबाद में कई स्थानों पर जलभराव से लोगों को परेशानी हुई। पटरियां जलमग्न होने से बीस से ज्यादा ट्रेनें लेट हो गई। सुबह पांच बजे से शुरू हुआ बारिश का दौर लगभग पांच घंटे चला। 103.20 मिमी रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई। बारिश के साथ तेज हवा से मुरादाबाद, रामपुर, संभल में कई स्थानों पर पेड़ व खंभे गिर गए। समूचे रुहेलखंड में तीन से छह घंटे तक बारिश हुई। प्रदेश के अन्य हिस्सों में कहीं कम तो कहीं अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। कई स्थानों पर बिजली गिरने से पांच लोगों की जान भी कई और कई जख्मी हुए। इसी प्रकार राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश से लोगों को लोगों को गर्मी से निजात मिली।
इसके विपरीत पर्वतीय राज्यों के मौसम में काफी अंतर देखने को मिला। उत्तराखंड में बारिश से जनजीवन बेहाल हुआ तो हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बारिश के बावजूद लोगों को उमस भरी गर्मी की मार झेलनी पड़ी। मंगलवार को शिमला समेत हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश हुई, लेकिन इससे उमस भरी गर्मी बढ़ गई। मंगलवार को प्रदेश का अधिकतम तापमान ऊना में 40.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
उत्तराखंड के पहाड़-मैदान में झमाझम बारिश हुई। भूस्खलन होने से गंगोत्री हाईवे जहां चार घंटे बंद रहा वहीं गंगा के उफान पर होने से उत्तरकाशी में जड़भरत मार्ग पर कई जगह दरार आ गई । जोशीमठ-मलारी-नीति मार्ग तो दूसरे दिन भी आवाजाही के लिए नहीं खुल पाया। बदरीनाथ व केदारनाथ हाईवे पर भी जगह-जगह भूस्खलन होने से यात्रियों को खासी मुसीबतें झेलने पड़ी। देहरादून समेत कई मैदानी इलाकों में लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ा।