पटना।। बीजेपी में नरेंद्र मोदी का रुतबा बढ़ने से दुखी जेडी (यू) को लालकृष्ण आडवाणी के इस्तीफे के बहाने सहयोगी पार्टी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। जेडी (यू) ने साफ-साफ कहा है कि अब एनडीए में रहना मुश्किल है और रिश्तों पर पुनर्विचार की दरकार है। पार्टी के राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने गठबंधन छोड़ने के संकेत देते हुए कहा कि जल्द ही पार्टी की बैठक होगी और एनडीए को लेकर फैसला हो जाएगा। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि गठबंधन के मसले पर जेडी(यू) की बैठक अतिशीघ्र होगी और पार्टी में चर्चा के बाद ही वह कोई प्रतिक्रिया देंगे।।
साफ है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार समिति की कमान सौंपने और लालकृष्ण आडवाणी के तमाम पदों से इस्तीफे के बाद जेडी(यू)-बीजेपी का गठबंधन बेहद नाजुक दौर में पहुंच गया है। केसी त्यागी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी बीमार हैं और लालकृष्ण आडवाणी ने तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया है, अब हम किस से बात करें। उन्होंने ओडिशा को विशेष राज्य के दर्जे के लिए दिल्ली में होने वाली बीजेडी की रैली का समर्थन करके नए राजनीतिक समीकरण के संकेत दे दिए। केसी त्यागी ने कहा कि जेडी(यू), बीजेडी और तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए।
जेडी(यू) प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी कहा कि स्थितियां बहुत सुखद नहीं हैं और गठबंधन में बने रहना मुश्किल हैं। उन्होंने कहा पार्टी की मीटिंग में इस पर विचार-विमर्श के बाद फैसला किया जाएगा।
इससे पहले सोमवार को नीतीश कुमार ने कहा था कि जो कुछ भी हो रहा है उसका मैंने खुद संज्ञान में लिया है। मुख्यमंत्री ने मोदी का नाम लिए बिना कहा कि जो भी खबरें आई हैं, उनके निहितार्थ पर गौर करने के लिए पार्टी में चर्चा करेंगे। पार्टी में जब हम आपस में चर्चा कर लेंगे तब अपनी प्रतिक्रिया स्पष्ट रूप से दे सकेंगे। जेडी (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने भी कहा था कि अभी यह हाल है तो जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे तब क्या होगा?
इन सबके बीच सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फेसबुक के जरिए गैर-कांग्रेसी और गैर-बीजेपी पार्टियों से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने लिखा है, ‘आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट होने का समय आ गया है। आएं हम सभी मिल कर एक फेडरल फ्रंट का तैयार करें। मैं सभी क्षेत्रीय पार्टियों से अपील करती हूं कि हमलोग कुशासन और जनविरोधी फैसलों से देश को मुक्त करने के लिए एक संयुक्त लड़ाई शुरू करें और एक बेहतर और उज्ज्वल भारत का निर्माण करने के लिए एक साथ काम करें।’