कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल का निधन
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के दौरान गंभीर रूप से जख्मी हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल का मंगलवार को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।
शुक्ल गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। 25 मई को हुए नक्सली हमले के बाद एयर एंबुलेस के जरिए उन्हें गुड़गांव लाया गया था।
इमरजेंसी दौर के सबसे ताकतवर नेता थे शुक्ल
इस हमले के दौरान शुक्ल को तीन गोलियां लगी थीं। सोमवार रात से उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी। उनकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया था।
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्याचरण शुक्ल के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है।
शुक्ल के निधन के बाद छत्तीसगढ़ में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। शुक्ल 9 बार सांसद रहे।
इसके अलावा वे केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में भी मंत्री रहे। इतनी ज्यादा उम्र होने के बावजूद शुक्ल राजनीति में सक्रिय थे।
शुक्ल कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में हिस्सा लेने के लिए बस्तर गए थे।विद्याचरण शुक्ल कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी के सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में वे बहुत चर्चित हुए थे।
वे 1957 से 1962 के बीच तीसरी लोकसभा में पहली बार लोकसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद वे चौथी, पाचवीं, सातवीं, आठवीं, नौवी, दसवीं लोकसभा के सदस्य चुने गए।
गौरतलब है कि 25 मई को बस्तर की दरभा घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था। इस हमले में 27 लोग मारे गए थे।