उत्तराखंडः अब गंगोत्री मंदिर में पड़ी दरार, खतरा बढ़ा

अभी देश केदारनाथ घाटी से आ रही भयावह तस्वीरों के दर्द से उभरा भी नहीं था कि अब गंगोत्री मंदिर से बुरी खबर आ रही है। 19वीं सदी में बने इस मंदिर को गंगा का उदगम स्‍थल माना जाता है।

यहां भारी बारिश होने के कारण एक झरने ने मंदिर परिसर के एक हिस्से को भारी नुकसान पहुंचाने की आशंका बढ़ा दी है।

चार धाम में से एक गंगोत्री मंदिर में गंगा माता की प्रतिमा है। यह भागीरथी के किनारे है और नदी के वास्तविक स्रोत से 18 किलोमीटर के फासले पर।

बेहद खराब मौसम और ग्लैशियर से आने वाले पानी के कारण मंदिर की इमारत और परिवार की दीवार में कई जगह दरार पड़ गई है। लकड़ी से बना ढांचा एक जगह से टूट भी गया है। पुजारियों का कहना है क‌ि बारिश और सर्दियों में पड़ने वाली बर्फ के कारण यह सब हो रहा है।

गंगोत्री के पुजारी पंडित दोर्णाचार्य समवाल ने कहा कि भैंरो झाप झरना खतरा बन गया है। उन्होंने कहा, ‘ग्लैशियर से आने वाले इस झरने में काफी पत्‍थर-कंकड़ बहकर आते हैं। इसका काफी पानी मंदिर परिसर में भी दाखिल होता है। सर्दियों में यहां सब जम जाता है और पूरा इलाका बर्फ से ढंक जाता है।’

एक अन्य पुजारी जयप्रकाश समवाल ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि आगे क्या होगा? अगर भारी बारिश होती है, तो हम गंगा मैया की दया पर निर्भर हैं।’