आडवाणी का इस्तीफा नामंजूर, मनाने में जुटी भाजपा

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नरेंद्र मोदी को चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाए जाने से कथित रूप से नाराज लालकृष्‍ण आडवाणी ने भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

वे राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति के सदस्य थे। हालांकि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ स‌िंह ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। आडवाणी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है।

पार्टी अध्यक्ष राजना‌थ सिंह को लिखे इस्तीफे में उन्होंने कहा है, ‘मुझे ऐसा नहीं लगता कि भाजपा अब वही आदर्शवादी पार्टी रह गई है, जिसका निर्माण डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल‌ बिहारी वाजपेयीजी ने किया था, जिनकी एकमात्र चिंता देश और उसकी जनता थी।’

पढ़िए, आडवाणी की पूरी चिट्ठी 

इस्तीफे मे उन्होंने लिखा, ‘वर्तमान में हमारे अधिकांश नेता अपने निजी एजेंडे को लेकर ही‌ चिंतित हैं। इसलिए मैनें पार्टी के सभी पदों, राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय समिति और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।’

पार्टी में भूचाल 

हालांकि लाल कृष्‍ण आडवाणी के इस्तीफे के बाद भाजपा में भूचाल आ गया है। सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, अनंत कुमार, मुख्तार अब्‍बास नकवी समेत पार्टी के कई वरिष्‍ठ नेता उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। ये सभी नेता उनके आवास पर मौजूद हैं।

सुषमा स्वराज ने मीडिया से बातचीत कहा है कि वे आडवाणी को मनाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्‍मीद है कि हम आडवाणी को मना लेंगे।’

उमा भारती ने भोपाल में मी‌डिया से बातचीत में कहा है कि वे परेशान और असमंजस हैं। उन्होंने कहा, ‘हम आडवाणी को मनाने की कोशिश करेंगे। आडवाणी हमारे बड़े नेता हैं। उन्होंने पार्टी को खड़ा किया है।’

वरिष्‍ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा ‌है कि यदि आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार किया गया तो भाजपा बिखर जाएगी।’

इस्तीफे के बाद बने हालात पर विचार करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक बुलाई गई है। आरएसएस ने आडवाणी के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

राष्ट्रीय कार्यकरिणी में नहीं गए थे

मोदी के मुद्दे पर मचे घमासान के कारण आडवाणी गोवा में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नहीं गए थे। माना जा रहा था कि आडवाणी नरेंद्र मोदी का भाजपा की चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के पक्षधर नहीं थे।

हालांकि उनके ‌करी‌बियों का कहना था कि बीमार होने के कारण आडवाणी कार्यकरिणी की बैठक में नहीं गए। आडवाणी के रुख से नाराज मोदी समर्थकों ने उनके आवास पर प्रदर्शन भी किया था।

राष्ट्रीय कार्यकरिणी की बैठक में आडवाणी के करीबी नेता जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, उमा भारती, शत्रुघ्न सिन्हा, बीसी खंडूरी और भगत सिंह कोशियारी भी शामिल नहीं हुए।

आडवाणी खेमे की गैरमौजूदगी और नाराजगी के बाद भी पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रविवार को नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार की जिम्‍मेदारी सौंप दी।