नोएडा। यूपी राज्य प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) पास कर चुके छात्रों ने सरकारी कॉलेज पाने के लिए रैंकिंग का जोड़ तोड़ शुरू कर दिया है। सरकारी संस्थानों में सिर्फ 9679 सीटों का विकल्प मिलेगा। महामाया और गौतमबुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एमटीयू-जीबीटीयू) के 10 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक की 2908 और चार सेल्फ फाइनेंस्ड कोर्स में 1275 (दोनों में पांच फीसदी एनआरआई कोटा शामिल) हैं।
यूपीएसईई रिजल्ट के बाद छात्रों ने अपनी जनरल रैंक, गर्ल्स रैंक, कोटा रैंक से लेकर सभी समीकरण बनाने शुरू कर दिए हैं। एसईई की रैंकिंग के आधार पर एमटीयू-जीबीटीयू के कॉलेजों के अलावा प्रदेश के 10 अन्य विश्वविद्यालयों के तकनीकी और प्रबंधन विभाग में भी दाखिला देने का प्रावधान हैं। इनमें छात्रों को बीटेक की 2340 सीट, एमबीए की 1371 और एमसीए की 445 सीटों का विकल्प मिलेगा। खास बात ये भी है कि छात्रों को इंजीनियरिंग की यूनीक ब्रांच भी सिर्फ इन कॉलेजों में ही मिलेंगी। इनमें प्लास्टिक, पेंट, ऑयल, लेदर, फूड टेक्नोलॉजी के अलावा टेक्सटाइल केमेस्ट्री, मैन मेड फाइबर टेक्नोलॉजी जैसी ब्रांच शामिल हैं।
‘जीरो’ पर आउट होंगे 400 कॉलेज
यूपी स्टेट एंट्रेंस एग्जाम (एसईई) की काउंसलिंग में प्रदेश के 400 से ज्यादा निजी कॉलेजों का खाता तक नहीं खुल पाएगा। कॉलेजों में उपलब्ध सीटों के मुकाबले छात्रों की संख्या काफी कम होने के कारण इन कॉलेजों को एक भी छात्र नहीं मिलेगा। वहीं एमबीए की हालत और ज्यादा खराब रहेगी। सिर्फ एमबीए के ही लगभग 300 कॉलेज जीरो पर ही आउट हो जाएंगे।
प्रदेश में बीटेक के लगभग 312 कॉलेज हैं जिनकी 65 फीसदी यानी लगभग 10 हजार सीटें एसईई काउंसलिंग से भरी जाएंगी। दाखिले की कतार में एक लाख 24 हजार छात्र हैं लेकिन टॉपर आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी और दक्षिण के बड़े इंजीनियरिंग कॉलेजों को प्राथमिकता देंगे। पिछले साल की काउंसलिंग को देखते हुए बीटेक के 50 से ज्यादा कॉलेज जीरो पर सिमटेंगे। छात्रों की संख्या सीटों से कम होने के कारण एमसीए के भी 40 से ज्यादा कॉलेजों का खाता नहीं खुलेगा। इसके अलावा एमबीए के 400 कॉलेजों के लिए सिर्फ 8750 छात्र एसईई में सफल दावेदार हैं। उम्मीद सिर्फ टॉप-50 कॉलेजों की सीटें भरने की है लेकिन अन्य 50 कॉलेजों को भी कुछ छात्र मिलेंगे।
बाकी 300 कॉलेजों के दाखिले काउंसलिंग से संभव नहीं हैं। नोएडा में भी एमबीए के दो दर्जन कॉलेजों को एक भी छात्र नहीं मिलेगा। इसके अलावा फार्मेसी और बायोटेक समेत अन्य कोर्सों के भी दर्जनों कॉलेजों को अपने स्तर पर ही छात्र जुटाने होंगे।
यूनीक ब्रांच में सबसे ज्यादा सीट
जीबीटीयू-एमटीयू के सरकारी संस्थान व उनके सेल्फ फाइनेंस्ड कोर्सों में यूनीक ब्रांच की सबसे ज्यादा सीटें हैं। इन सभी ब्रांच में लगभग 900 से ज्यादा सीटें हैं। इसके बाद कंप्यूटर साइंस में 615, मैकेनिकल में 525, सिविल में 495 और आईटी की 490 सीटों का विकल्प है।