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बंसल की विदाई संभव, अश्वनी का बदल स‌‌कता है ‌विभाग

pawan-kumar-bansal-5188b7eb0d78d_lकानून मंत्री के मामले में सरकार पर सर्वोच्च न्यायालय की सख्त टिप्पणियों और सीबीआई द्वारा रेलवे घूसकांड की कड़ी जांच के बाद सरकार पर अपने मंत्रियों से इस्तीफे लेने का दबाव बढ़ रहा है।

लेकिन वह चारों तरफ से पड़ रहे दबावों के आगे खुद को झुकते हुए नहीं दिखाना चाहती। चर्चा मंत्रिमंडल फेरबदल के द्वारा बीच का रास्ता निकालने की भी है।

माना जा रहा है कि शुक्रवार को इस मामले में वह निर्णायक कदम उठा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों ने भी केंद्र और कांग्रेस पर दबाव डाला है और वहां शीर्ष स्तर पर मुलाकातों का दौर तेज हो गया है।

ऐसे में सूत्र कह रहे हैं कि बीच का रास्ता निकालने के लिए कांग्रेस सीबीआई की जांच में घिरते बंसल को छोड़ कर अश्वनी कुमार को बचा सकती है।

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस बात से सहमत हैं। अत: वह मंत्रिमंडल फेरबदल करके कानून मंत्री को कोई अन्य विभाग सौंप सकती है।

बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात भी की है। उन्होंने अटार्नी जनरल जीई वाहनवती को भी बुलाकर सुप्रीम कोर्ट की बुधवार की टिप्पणियों पर राय ली।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी एके एंटनी और अहमद पटेल से भेंट कर इस्तीफों की उलझन को सुलझाने का मशविरा लिया।

इन मुलाकातों से साफ है कि दोनों मंत्रियों को लेकर हो रहे विरोध से सरकार और कांग्रेस दबाव महसूस कर रही है। लेकिन पार्टी और सरकार के अंदर भी इन्हें बचाने के सवाल पर मतभेद हैं।

बृहस्पतिवार का एक मुख्य घटनाक्रम यह रहा कि अश्वनी कुमार ने कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लिया, जबकि पवन बंसल इससे गायब रहे।

इससे माना जा रहा है कि बंसल को हटाया जा सकता है, जबकि अश्वनी कुमार का विभाग बदला जा सकता है। प्रधानमंत्री की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात से सियासी गलियारों में कैबिनेट फेरबदल की चर्चाओं को बल मिला है।

कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री सरकार की चौथी वर्षगांठ से पहले अपनी टीम में मामूली फेरबदल कर सकते हैं। हालांकि कोई वरिष्ठ नेता इसकी पुष्टि करने को तैयार नहीं है।

अश्वनी कुमार की प्रधानमंत्री से मुलाकात पर चर्चाओं का बाजार गरम रहा। कुमार ने खुद प्रधानमंत्री से मुलाकात की बात नकारी। हालांकि वह प्रधानमंत्री कार्यालए गए थे। जहां उनकी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को लेकर पीएमओ के आला अधिकारियों से बात हुई। उस समय प्रधानमंत्री कार्यालय में नहीं बल्कि राष्ट्रपति से मिलने गए थे।

उधर, कैबिनेट बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अश्वनी और बंसल के बारे में मंत्रिमंडल की बैठक में कोई बात नहीं हुई।

जब उनसे पूछा गया कि सरकार का सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को लेकर क्या कहना है, तो उन्होंने कहा कि वह इसका जवाब 10 जुलाई को बताएंगे। गौरतलब है कि कोयला घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 10 जुलाई को है।

NCR Khabar News Desk

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