दूसरों की पड़ताल तो दूर पुलिस ‘अपनों’ के चाल-चरित्र के बारे में ही छानबीन नहीं कर पाती। खाकी की लापरवाही का कुछ ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।
फिरोजाबाद का एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर वर्षों तक नौकरी करता रहा। जब छुट्टी से वापस नहीं आने पर उसके बारे में छानबीन की गई तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आया।
पुलिस अधीक्षक ने हिस्ट्रीशीटर सिपाही को बर्खास्त कर दिया है।
हाथरस जिले में एक कांस्टेबल संख्या 237 प्रवीन कुमार गौतम सादाबाद कोतवाली में तैनात था। वहां से वह 25 मई, 2009 को तीन दिन के अवकाश पर गया, लेकिन उसके बाद वह 84 दिन बाद आया।
सूत्र बताते हैं कि उसे फिर वहां से सादाबाद थाने भेजा गया, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचा। इसके बाद वह फिर ड्यूटी पर नहीं आया। उसे नोटिस भी दिया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
प्रवीन के बारे में जब पुलिस अधिकारियों ने छानबीन की तो कुछ और मामले सामने आए। पुलिस को पता चला कि प्रवीन तो फीरोजाबाद का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है।
उसकी फिरोजाबाद के पचौखरा थाने में हिस्ट्रीशीट खुली हुई है और उसका नंबर 29ए है। वह मूल रूप से फिरोजाबाद के पचौखरा थाना क्षेत्र के सुजातनगर का रहने वाला है।
पुलिस ने फिरोजाबाद से उसका आपराधिक इतिहास मंगवाया तो पता चला कि उस पर चौथ वसूली, जानलेवा हमला, दहेज उत्पीड़न, दलित उत्पीड़न, मारपीट जैसे आधा दर्जन मुकदमे चल रहे हैं।
उस पर पहला मुकदमा वर्ष 2008 में कायम हुआ था। स्थानीय पुलिस को भी जब फिरोजाबाद पुलिस से इसकी आख्या मिल गई तो एसपी ने उसे बर्खास्त कर दिया।