आईपीएल-6एनसीआरदिल्ली

बिना ठोस आधार रिमांड अवधि बढ़ाना अन्याय

नई दिल्ली। अदालत ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दूसरा झटका देते हुए श्रीसंत की रिमांड अवधि बढ़ाने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा बिना ठोस आधार के रिमांड अवधि बढ़ाना अभियुक्त के साथ अन्याय होगा। इतना ही नहीं अदालत ने पुलिस की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल उठाते हुए फटकार लगाई। अदालत ने श्रीसंत के अलावा अजीत चंदीला, अश्वनी अग्रवाल व चंद्रेश पटेल को 4 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया।
साकेत स्थित मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लोकेश कुमार ने पुलिस के उस तर्क को खारिज कर दिया कि मुंबई होटल से श्रीसंत का सामान गायब करने वाले अभिषेक शुक्ला से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। अदालत ने कहा कि पुलिस के ही अनुसार सामान शुक्ला ने जीजू के निर्देश पर गायब किया था न कि श्रीसंत के। श्रीसंत उस समय पुलिस हिरासत में था। अदालत ने पुलिस व अभियोजन पक्ष के बीच तालमेल न होने पर भी नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी रिमांड पेपर में रिमांड बढ़ाने के लिए पांच लाख रुपये बरामदगी का तर्क रख रहे हैं, जबकि सरकारी वकील होटल से गायब इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद करने का तर्क दे रहे हैं। अदालत ने कहा कि पुलिस व सरकारी वकील के तर्कों पर कोर्ट सहमत नहीं है और श्रीसंत का पहले ही तीन बार रिमांड लिया जा चुका है। अदालत ने कहा अब पुन: रिमांड अवधि बढ़ाने का कोई आधार नहीं है। इसके बाद चारों को 4 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


गंभीर मामलों में भावनाओं पर विचार नहीं
नई दिल्ली। अदालत ने क्रिकेटर अंकित चव्हाण को विवाह के लिए अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा अभियुक्त पर गंभीर आरोप है और वह इस पूरे षड्यंत्र में लिप्त है। बचाव पक्ष के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि विवाह के कार्ड बंट चुके हैं और दोनों परिवारों की प्रतिष्ठा के अलावा भावनाओं को ध्यान रखना चाहिए। अदालत ने कहा ऐसे मामलों के फैसले भावनाओं में बह कर नहीं किए जा सकते।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लोकेश कुमार ने बचाव पक्ष को कहा जब आपको 15 दिन पहले पता चल गया था कि अंकित गिरफ्तार हो चुका है तो आपको विवाह की तारीख स्थगित कर देनी चाहिए थी। आप मात्र इस आधार पर जमानत नहीं मांग सकते कि अभियुक्त का दो जून को विवाह है।
इससे पूर्व बचाव पक्ष ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल का दो जून को विवाह तय है जबकि 31 मई से संगीत व अन्य समारोह शुरू हो जाएंगे। विवाह मात्र एक माह पहले ही तय हुआ था और यदि नियमित जमानत नहीं दी जा सकती तो कम से कम विवाह के लिए एक सप्ताह की अंतरिम जमानत प्रदान की जाए। सरकारी वकील राजीव मोहन ने आपत्ति जताते हुए कहा मामले की जांच जारी है और रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा यदि ऐसी स्थिति में जमानत दी गई तो वह साक्ष्य नष्ट कर सकता है। अदालत ने उनके तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा वर्तमान परिस्थितियों में जमानत प्रदान नहीं की जा सकती।

अश्वनी सीधे संपर्क में था डी कंपनी के
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अश्वनी ही मुख्य रूप से दाऊद की डी कंपनी से बातचीत करता था। फोन कॉल रिकार्ड से इस तथ्य की पुष्टि हुई है कि अश्वनी नियमित रूप से डी कंपनी के आदमियों से बातचीत कर मैच फिक्सिंग में लगा था। इसी बातचीत के फोन टेप होने से पूरे मामले का खुलासा हुआ। उधर, अश्वनी से पूछताछ करने के लिए प्रोडक्शन वारंट लेकर उसे अपने साथ लेने मुंबई पुलिस दिल्ली आ गई। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लोकेश कुमार के समक्ष पेश सरकारी वकील राजीव मोहन ने बताया कि दाऊद व उसकी डी कंपनी के फोन रिकार्ड पर लगाए हुए थे। इसी दौरान अश्वनी के कंपनी के आदमियों से बातचीत का पता चला व रिकार्डिंग में पूरे मैच फिक्सिंग का खुलासा हो गया। सीबीआई व खुफिया एजेंसियों के पास भी पूरी रिकार्डिंग है। वहीं अश्वनी अग्रवाल को मुंबई पुलिस पूछताछ के लिए अपने साथ लेने के लिए दिल्ली पंहुच गई। मुंबई पुलिस ने अदालत के समक्ष अश्वनी को ले जाने के लिए जारी प्रोडक्शन वारंट पेश किए। अदालत ने उसे ले जाने की इजाजत प्रदान करते हुए पुन: दिल्ली अदालत में 4 जून को पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मुंबई पुलिस के अधिकारी को कहा दिल्ली पुलिस व सरकारी वकील ने अश्वनी को मुंबई ले जाने पर आपत्ति नहंी जताई आप भी इसी प्रकार दिल्ली पुलिस को सहयोग करे।

NCR Khabar News Desk

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