इलाहाबाद लोकसभा सीट से ही अमिताभ बच्चन (बिग बी) भारी मतों से विजयी होकर संसद पहुंचे थे। मगर समय के फेर में वह अपने घर को ही भूल गए हैं। ऐसा भूले कि फिर कभी पलटकर न देखा। मगर इसके उलट बिग की पत्नी जया बच्चन इस क्षेत्र से मोह न छोड़ सकीं। तभी तो उन्हें जब राज्य सभा सदस्य बनने का मौका मिला, तो उन्होंने इस क्षेत्र के एक विद्यालय को अपनी सांसद निधि से दस लाख रुपये स्वीकृत कर दिए।
इलाहाबाद में पले-बढ़े अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता जब चरम पर थी और राजनीति से उनका कोई लेना-देना न था। अपने बचपन के मित्र व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर वर्ष 1984 में इलाहाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़े और कद्दावर नेता हेमवती नंदन बहुगुणा को करारी शिकस्त दी। मगर एक समय आया, जब बिग बी का मोह इलाहाबाद से ही नहीं, बल्कि राजनीतिक क्षेत्र से ही भंग हो गया।
इसके बाद वह एकाध बार अपने शहर आये भी तो चुपचाप निकल गए। यह बात इलाहाबादियों? को कचोटती है, मगर बिग बी इस बात को अब समझना भी नहीं चाहते। इसके इतर, उनकी पत्नी जया बच्चन अभी भी अपनी ससुराल को नहीं भूल पायीं। उन्हें जब भी मौका मिला, वह इलाहाबाद आती रहीं। वर्ष 2004-05 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी अतीक अहमद के समर्थन में प्रचार करने भी आईं थीं। उस समय उन्होंने इलाहाबाद के प्रति अपने प्रेम का उजागर भी किया था। राज्यसभा सदस्य बनने के कुछ ही दिन बाद 2010-11 में उन्होंने अपनी सांसद निधि से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले गिरीश कुमारी कन्या विद्यालय को दस लाख स्वीकृत कर दिए। यह विद्यालय करछना तहसील के बरांव में है। संयोग से यह गांव सपा सांसद कुंवर रेवतीरमण सिंह का ही है और स्कूल उनकी मां के नाम से है। वर्ष 2010-11 में मिली इस धनराशि को विद्यालय का प्रबंधतंत्र अभी पचास फीसद ही खर्च कर पाया है।