नई दिल्ली : आम का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। रंग और स्वाद के कारण यह सभी फलों में खास है। अब बहुत जल्द भारत के बाजारों में अमेरिकी किस्म ‘सेंसेशन’ के लुभावने रंगों वाले आम दिखाई देंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) पूसा द्वारा विकसित पूसा पीतांबर, लालिमा, श्रेष्ठा, प्रतिभा, सूर्या व अरुणिमा के पैदावार के लिए अलग-अलग राज्यों में करीब चार हजार पौधे मुहैया करवा कर बगीचा लगवाया है। ये पौधे महज तीन साल में फल देने लगेंगे और बाजार में उपलब्ध होंगे।
पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार ये सभी किस्में संकर (हाईब्रिड) व बौनी प्रजाति की हैं। जो भारत की मशहूर किस्में दशहरी, अम्रपाली व लाल सुंदरी को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित सेंसेशन से क्रॉस कराकर तैयार की गई हैं। भारतीय किस्में सुस्वाद हैं तो अमेरिकी किस्म सेंसेशन का रंग आकर्षक। संस्थान के वैज्ञानिकों का दावा है कि बाजार में आने के बाद यह अच्छी कीमत में बिकेंगी।
पूसा इन किस्मों को पहले ही जारी कर चुका है। संस्थान के फल प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डॉ. एके सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर आम के पारंपरिक पौधों को पेड़ बनने में 10-15 साल लगते हैं, लेकिन इन किस्मों का पेड़ करीब 15 फीट का होता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, बिहार के भागलपुर, झारखंड और मध्यप्रदेश के अलावा दक्षिण में कोंकण में पौधे लगवाए गए हैं, जो तीन साल में फल देने लगेंगे। इन आमों के आने के बाद लोगों को एक अलग स्वाद का अनुभव होगा।
विटामिन सी से भरपूर होंगे ये आम
पूसा प्रतिभा, श्रेष्ठा, लालिमा व पूसा पीताबंर पोषक तत्वों से भी भरपूर है। इन किस्मों में विटामिन सी भरपूर मात्रा में है। पूसा लालिमा में 34.7, पूसा श्रेष्ठा में 40.3, पीतांबर में 39.8 व प्रतिभा में 34.9 मिलीग्राम/100 ग्राम विटामिन सी की मात्रा है। साथ ही यह काफी जूसी भी है। इसका करीब 70 से 74 प्रतिशत हिस्सा पल्प है। ये लाल, पीला, सुनहरा पीला, गुलाबी आदि रंग के होंगे।