दिल्ली पुलिस‌ कमिश्नर ने छोड़ दिया आईपीएल देखना

neeraj-kumar-commissioner-delhi-police-50d0b0da88fff_lक्रिकेट फैन होने के बावजूद दिल्ली के‌ पुलिस‌ कमश्निर नीरज कुमार ने आईपीएल देखना ‌छोड़ दिया है। द हिन्दू  से बातचीत के दौरान उन्होंने श्रीसंत, चंदीला और चौहाण से जुड़ी कई बातों का खुलासा किया।

हालांकि, 2000 मैच फिक्सिंग स्कैंडल का खुलासा नीजर कुमार ने ही किया था, लेकिन क्रिकेट के प्रति लगाव बना हुआ था। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग ने उस लगाव को भी खत्म कर दिया। बकौल कुमार, ‘यह बेहद निराशाजनक है। जिन खिलाड़ियों को इस देश में भगवान की तरह पूजा जाता है, वे इस तरह हमारा ‌विश्वास कैसे तोड़ सकते हैं। यही वजह है कि मैंने आईपीएल देखना छोड़ दिया है।’

तीनों खिलाड़ी थे शर्मशार
कुमार ने बताया कि खिलाड़ी इतनी शर्मिंदगी महसूस कर ‌रहे थे कि उन्होंने ही पुसिल से उनके मुंह पर काला कपड़ा डालने को कहा। कुमार के मुताबिक, ‘पुलिस वैन में कोर्ट जाते वक्त भी तीनों सीटों के नीचे छिप गए थे। इसे देखकर मुझे भी बहुत दुख हो रहा था। तीनों मेरे बच्चों की उम्र के हैं। उनका फिक्सिंग में फंसना बेहद दुखद है। न सिर्फ उनका करियर दांव पर लग गया है, बल्कि परिवार को भी शर्मिंदगी होना पड़ रहा है।’

हां, लाचार है बोर्ड!
कुमार ने बातचीत में यह भी माना कि बीसीसीआई के पास पुलिस जितने अधिकार नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘वह न पुलिस की तरह खिलाड़ियों के फोन पर नजर रख सकते हैं, न उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं और न ही उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो हां, बोर्ड कुछ हद तक लाचार है।’

फोन पर लगाना चाहिए बैन
कुमार के मुताबिक फोन ही फिक्सिंग की सबसे बड़ी वजह है। इसके लिए वह खिलाड़ियों के फोन के इस्तेमाल पर बैन की मांग करते हैं। वह कहते हैं, ‘यह बेहद जरूरी है क्योंकि ज्यादातर ट्रांजैक्‍शंस फोन से ही चुटकियों में हो जाते हैं।’ कुमार का यह भी मानना है कि होटल में खिलाड़ियों को एक लिस्टदी जानी चाहिए, जिसमें सिर्फ चुनिंदा लागों के नाम हों। किसी भी अनजान लड़की को खिलाड़ियों से मिलने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।

मुश्किल था पुलिस का काम
स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा करना पुलिस के लिए आसान नहीं था। कुमार के मुता‌बिक, उन्होंने सीधे श्रीसंत, चंडीला और चौहाण के फोन टैप नहीं किए। कुछ संदिग्‍ध लोगों की बातचीत को टैप करते हुए उन्हें क्रिकेट की बात सुनी और पड़ताल करने पर पता चला कि वे बुकी थे, जिनके संपर्क में ये तीनों खिलाड़ी थे। सबसे पहला सबूत अंकित चौहाण के ‌खिलाफ मिला। उसके बाद धीरे-धीरे श्रीसंत और चंडीला भी फंसते चले गए और हम उनके खिलाफ सबूत जुटाते रहे। हालांकि, इसके लिए पुलिस को काफी दौड़भाग करनी पड़ी।