दिल्ली गैंगरेप मामले में पेश एक गवाह ने बचाव पक्ष पर परेशान करने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि वह बचाव पक्ष के सवालों से परेशानी महसूस कर रहा है। वहीं विशेष सरकारी वकील ने भी बचाव पक्ष के वकील के रवैये पर आपत्ति जताई।
साकेत स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट के प्रभारी न्यायाधीश योगेश खन्ना ने बचाव पक्ष के रवैये को गंभीरता से लेते हुए बचाव पक्ष को ताकीद दी कि वे गवाह से मात्र मामले से जुड़े सवाल ही पूछें।
दिल्ली गुड़गांव हाईवे को जोड़ने वाले क्षेत्र में पेट्रोलिंग ड्यूटी करने वाली कंपनी का कर्मचारी बतौर गवाह पेश हुआ। उसने गवाह बचाव पक्ष के वकील के रवैये पर आपत्ति जताई।
उसने कहा कि जिस तरह वे उनसे सवाल पूछ रहे हैं, उससे वे काफी परेशानी महसूस कर रहा है।
अभियुक्त मुकेश व अक्षय के अधिवक्ता वीके आनंद ने 16 दिसंबर को गैंगरेप के संबंध में उनकी गतिविधियों के बारे में पूछा।
उन्होंने गवाह से जानना चाहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद उसने एंबुलेंस को फोन क्यों नहीं किया। आम लोग इस तरह के मामलों में गवाही के लिए क्यों आगे नहीं आते।
इस पर अदालत ने कहा कि आप गवाह से इस तरह के सवाल नहीं पूछ सकते बल्कि मामले से जुड़े सवाल ही पूछें।
दिल्ली पुलिस की और से पेश वरिष्ठ सरकारी अधिवक्ता दयान कृष्णन ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि गवाह पर चिल्लाने व उसे भयभीत करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
गवाह ने अदालत को बताया कि उन्होंने सड़क पर युवती और युवक को नग्न हालत में पाया था।