एयरहोस्टेस सुसाइड केस में शुक्रवार को हरियाणा के पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा और सह आरोपी अरुणा चड्ढा पर सात धाराओं में आरोप तय किए गए।
दोनों आरोपियों पर अब दुष्कर्म और कुकर्म का भी मुकदमा चलेगा। इस मामले को रोहिणी स्थित विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहां इसकी सुनवाई 27 मई से होगी।
अदालत ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एयरहोस्टेस को खुदकुशी के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और आईटी एक्ट समेत सात धाराओं में आरोप तय किए हैं।
पुलिस ने कांडा और अरुणा के खिलाफ एफआईआर और आरोपपत्र में भी ये आरोप लगाए थे, लेकिन सुबूतों को देखते हुए कोर्ट ने दोनों पर दुष्कर्म, कुकर्म और उसके लिए उकसाने की धाराओं में भी आरोप तय किए हैं।
जिला न्यायाधीश एसके सरवरिया ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कहा कि अक्टूबर 2006 से जून 2012 के बीच गोपाल कांडा ने गुड़गांव स्थित एमडीएलआर कार्यालय और दूसरे कई स्थानों पर एयरहोस्टेस से दुष्कर्म और कुकर्म किया।
अदालत ने कहा कि अरुणा ने कांडा को दुष्कर्म और कुकर्म करने के लिए उकसाया और उसका साथ दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि पीड़िता का लगातार यौन शोषण किया गया।
गोपाल कांडा ने मृतका को धमकाया भी और उसके परिवार की आर्थिक मदद की, जिससे पीड़िता और उसके परिवार पर दबाव बना रहे।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि कांडा ने पीड़िता पर कई तरह से दबाव बनाया, जिससे वह दुबई की एयरलाइंस छोड़कर वापस उसकी कंपनी में आ जाए। इसी से परेशान होकर एयरहोस्टेस ने अगस्त 2012 में खुदकुशी कर ली थी।