कोयला घोटाले सहित अनेक घोटालों पर केंद्र सरकार को घेर रही भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस संसद न चल पाने के कारण रुके विधेयकों का ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ने का मन बना चुकी है। सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री मनीष तिवारी ने इसे भाजपा का बिलगेट कांड नाम दिया है।
इससे पहले भी कई महलवपूर्ण विधेयक भाजपा द्वारा संसद न चलने देने के कारण पेश या समय पर पास नहीं हो सके। जिसका सीधा नुकसान देश की गरीब जनता को उठाना पड़ेगा। इसलिए जनता आनेवाले चुनावों में भाजपा को माफ नहीं करेगी। गौरतलब है कि संप्रग-2 सरकार के संसद में 45 से 50 दिन ही रह गए हैं, और करीब 16 विधेयक पास होने बाकी हैं। तिवारी के अनुसार कर्नाटक में अपनी गलतियों को छुपाने के लिए ही भाजपा ने हाल के सत्र में लगातार व्यवधान डालकर खाद्यान्न सुरक्षा बिल नहीं आने दिया। अब कर्नाटक के चुनाव परिणामों से देश की जनता 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने का रास्ता जान गई है।
मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [सीएजी] की रिपोर्ट का हवाला देकर सरकार पर 1,76,000 करोड़ रुपयों के घोटाले का आरोप लगाती रही और संसद की कार्यवाही बाधित करती रही । लेकिन कल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कर दिया है कि कैग की रिपोर्ट किसी मुद्दे पर अंतिम शब्द नहीं मानी जा सकती । दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में सीबीआई पर की गई टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर मनीष तिवारी ने कन्नी काटते हुए कहा कि टिप्पणी और फैसले में फर्क होता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणियों को चुनौती देने का अधिकार दे रखा है। लेकिन उसके फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए। केंद्रीय कृषि मंत्री एवं संप्रग के प्रमुख सहयोगी शरद पवार की खाद्यान्न सुरक्षा विधेयक से असहमति वाली टिप्पणियों पर बोलते हुए तिवारी ने कहा कि कोई भी विधेयक मंत्रिमंडल में पास होने के बाद ही विधेयक के रूप में संसद में पेश किया जाता है, और मंत्रिमंडल में संप्रग के सभी सहयोगियों ने इसका समर्थन किया है।