रिटेल में एफडीआई से जुड़ी कई शर्तों ने भारत में निवेश के इच्छुक विदेशी रिटेलरों को उलझन में डाल दिया है। सीधे किसानों से होने वाली खरीद को लेकर रिटेलरों ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
एफडीआई नियमों के तहत 30 फीसदी खरीद सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से करनी है। रिटेलर जानना चाहते हैं कि क्या किसानों से होने वाली खरीद के जरिए इस अनिवार्यता को पूरा किया जा सकता है।
इसी तरह, एफडीआई का 50 फीसदी निवेश बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे गोदाम आदि में करना जरूरी है, इस शर्त को लेकर भी रिटेलर असमंजस में हैं। एफडीआई लाने की कोशिशों में जुटी सरकार जल्द ऐसे तमाम मुद्दों पर सफाई दे सकती है।
वाणिज्य मंत्रालय खुद आगे बढ़कर एफडीआई नीति से जुड़ी रिटेलरों के सवाल जानने की कोशिश कर रहा है। टेस्को और कारफूर जैसे कई दिग्गज रिटेलर एफडीआई की शर्तों को लेकर अपनी शंकाएं जाहिर कर चुके हैं। मंत्रालय ऐसे सभी सवालों पर जल्द ही विस्तृत स्पष्टीकरण जारी कर सकता है।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कई रिटेलर 30 फीसदी खरीद की अनिवार्यता को किसानों से खरीद के जरिए पूरा करना चाहते हैं लेकिन इस बारे में एफडीआई की नीति स्पष्ट नहीं है। यही स्थिति जमीन में होने वाले निवेश को लेकर भी बनी हुई है।
हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय स्पष्ट कर चुका है कि जमीन और किराए में निवेश को बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश नहीं माना जाएगा। लेकिन, फिर भी बुनियादी ढांचे में� 50 फीसदी निवेश एफडीआई की राह में बड़ी अड़चन बन सकता है।