भारतीय चयनकर्ताओं ने एक बार फिर अपने अजीबोगरीब फैसले से अपने प्रशंसकों को चौंका दिया है।
चयनकर्ताओं ने चैंपियंस ट्राफी के लिए उस सलामी बल्लेबाज को टीम इंडिया में जगह दी है जिसे आईपीएल में उनकी टीम ने ही बाहर कर दिया है।
हम यहां बात कर रहे हैं मुरली विजय की जिसे आईपीएल में उनकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई टीम ने मुरली को आठ मैचों में मौका दिया लेकिन वह इस मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहे।
वह महज एक मैच में अर्धशतक लगाने में कामयाब रहे हैं। 10 अप्रैल को पंजाब किंग्स इलेवन के खिलाफ उन्होंने 50 रनों की नाबाद पारी खेली थी। पिछले आठ मैचों में वह चार मैचों में दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर सके।
उनकी खराब फार्म को देखते हुए चेन्नई टीम प्रबंधन ने उन्हें अपनी टीम से बाहर कर दिया है। उनके बाहर होने के बाद भी चेन्नई ने लगातार तीन मैच जीते हैं।
जबकि कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर आईपीएल 6 में बढ़िया बल्लेबाजी कर रहे हैं लेकिन उनकी जगह मुरली विजय को वरीयता दी गई।
गंभीर को टीम इंडिया से बाहर किए जाने के पीछे उनका उग्र व्यवहार बताया जा रहा है जबकि पिच पर वह विजय की तुलना में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही इंग्लैंड में खेलने का उन्हें खासा अनुभव भी है।
अगले महीने इंग्लैंड की तेज पिचों पर होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्राफी टूर्नामेंट के लिए चयनकर्ताओं ने किस आधार पर मुरली विजय को मौका दिया है ये तो चयनकर्ता ही बता सकते हैं।
मजेदार बात यह है कि मुरली ने अपना अंतिम वनडे मुकाबला 18 जनवरी 2011 को केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था और महज एक रन बना पाए थे।
भारत बतौर विश्व चैंपियन आठ देशों के इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपनी चुनौती पेश करेगा।
यह सवाल अब सबके जेहन में है कि गंभीर की जगह जिस सलामी बल्लेबाज को टीम इंडिया में जगह दी गई है वह जब 20-20 ओवर के प्रारूप में नहीं चल रहा है तो 50-50 ओवर के प्रारूप में कितना कामयाब होगा।