चर्चित चढ्डा बंधु हत्याकांड मामले में पुलिस ने साकेत कोर्ट स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी राजकुमार त्रिपाठी के समक्ष एक और आरोप पत्र दायर करते हुए कहा है कि हरदीप चढ्डा ने ही अपने भाई पोंटी चढ्डा की गोली मार कर हत्या की थी।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कहा है कि जांच में पता चला है कि पोंटी के शरीर में पाई गई गोली हरदीप की पिस्तौल से चली थी और उसने पोंटी के सिक्योरिटी मैनेजर नरेंद्र अहलावत को भी गोली मारी थी। इसके बाद हुई गोलीबारी में हरदीप की भी गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस ने आरोप पत्र में कहा है कि हरदीप चढ्डा की मौत उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष एसएस नामधारी और उनके निजी अंगरक्षक सचिन त्यागी की पिस्तौल से चली गोलियों से हुई थी। जांच में चढ्डा बंधु हत्याकांड में अन्य किसी की संलिप्तता नहीं पाई गई है।
उल्लेखनीय है कि चढ्डा बंधु हत्याकांड में कुल 22 लोगों के खिलाफ डकैती, आपराधिक षड्यंत्र, हत्या का प्रयास और हत्या का मामला दर्ज किया था। ज्ञात हो कि छतरपुर में एक फार्महाउस में बीते साल 16 नवंबर को हुई फायरिंग में पोंटी चढ्डा व उनके भाई हरदीप चढ्डा की गोली लगने से मौत हो गई थी।
पुलिस ने इस मामले में पूर्व में दायर किए आरोपपत्र में कहा था कि पोंटी चढ्डा एक सोची समझी साजिश के तहत छतरपुर स्थित फार्म हाउस पर कब्जा करने के लिए एसएस नामधारी के साथ पहुंचे। जब पोंटी के साथी फार्महाउस का गेट खोल रहे थे तो हरदीप मौके पर पहुंचा और उसने पोंटी व अहलावत पर गोली चला दी। जवाब में नामधारी व उसके साथियों ने हरदीप पर गोलियां चला दी।