नई दिल्ली : शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न स्तरों पर भेदभाव के शिकार देश भर के शिक्षकों ने सरकारी नीतियों के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दिया। धरने में देशभर के तमाम शिक्षक संगठनों ने हिस्सा। शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को मांग पत्र भी सौंपा।
शिक्षकों के समर्थन में पहुंचे भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने शिक्षकों के लिए ठेकेदारी प्रथा का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर शिक्षकों की स्थाई नियुक्त होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि दसवीं कक्षा में ग्रेड व्यवस्था से शिक्षा के स्तर में गिरावट आ रही है। शिक्षकों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष विमल अग्रवाल ने शिक्षा के पतन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इससे देश कमजोर हो रहा है। उन्होंने मांग की कि शिक्षा का बाजारीकरण बंद हो, शिक्षकों के लिए कोषागार की व्यवस्था व सेवानिवृत्ता की आयु सीमा 65 वर्ष हो। धरने का आयोजन कर रहे दिल्ली अध्यापक परिषद के अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने कहा कि ठेकेदारी प्रथा में शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। इसे बंद कर स्थाई नियुक्तियों को बहाल किया जाए। शिक्षक महासंघ के प्रेस सचिव शिव प्रकाश मिश्रा ने शिक्षकों की स्थिति पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि सरकारी नीतियों के चलते वर्षो से शिक्षक कम वेतन पर काम करने पर मजबूर हैं। इन विसंगतियों को दूर कर उन्हें उचित वेतन दिया जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन महासंघ के महामंत्री प्रो. जगदीश सिंघल ने किया। इस मौके पर भाजपा के सांसद अर्जुन मेघवाल, हंसराज अहीर, श्रीपाद नाईक व अविनाश राय भी शामिल हुए।