लुधियाना के एसीपी (साउथ) बलदेव सिंह चौहान 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए। एक कबाड़ बेचने वाले ने विजिलेंस ब्यूरो में एसीपी के खिलाफ शिकायत की थी।
विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने एसीपी को बुधवार को उनके दफ्तर से ही गिरफ्तार किया। चौहान के साथ एक और प्राइवेट मुलाजिम पप्पू को भी इसी जुर्म में पकड़ा गया है।
दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है। इसके अलावा चौहान के पटियाला स्थित निवास पर भी विजिलेंस ने छापामारी की।
जानकारी के अनुसार ग्यासपुरा स्थित डाबा रोड पर राकेश कुमार का कबाड़ का काम है। एसीपी चौहान ने उसे धमकी दी कि वह चोरी का कबाड़ लाता है इसलिए उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
मामला दर्ज करने की एवज में एसीपी ने पचास हजार रुपये की मांग की।
राकेश ने विजिलेंस से इसकी शिकायत की और जिसके बाद ट्रैप लगाया गया। कबाड़ी अपने साथियों के साथ बुधवार को 25 हजार रुपये की पहली किश्त देने के लिए एसीपी के दफ्तर में पहुंचा।
एसीपी ने दफ्तर के बाहर पप्पू नाम के व्यक्ति को यह रुपये देने को कहा। इसी दौरान ताक में बैठी विजिलेंस टीम ने एसीपी और पप्पू को पकड़ लिया।
एसएसपी विजिलेंस सतिंदर सिंह ने बताया कि एसीपी ने पप्पू को डेढ़-दो सौ रुपये दिहाड़ी पर निजी तौर पर रखा हुआ था।
पहले भी मिली थी शिकायत
जानकारी के अनुसार एसीपी के बारे में पहले भी उच्च अधिकारियों को शिकायतें मिली थीं। इस संबंध में उच्चाधिकारियों ने उसे चेताया भी था।
वहीं, एसीपी दफ्तर के बाहर अपनी शिकायत लेकर खड़ी पीपल चौक स्थित अंबेदकर निवासी सरोज रानी ने भी आरोप लगाया कि उनके बेटे और बहु से चल रहे पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए भी एसीपी ने रुपये लिए थे, लेकिन अभी तक उनका भी काम नहीं हुआ है।
नौ महीने बाद है रिटायरमेंट
बलदेव सिंह चौहान का 20-25 दिन पहले ही पटियाला से लुधियाना ट्रांसफर हुआ था और उनको लुधियाना कमिश्नरेट में एसीपी साउथ की जिम्मेदारी दी गई थी।
पहले चौहान एक होटल में रहते थे, लेकिन कुछ दिन से ही दफ्तर के रिटायरिंग रूम में ही रह रहे थे। चौहान की रिटायरमेंट को तकरीबन नौ माह बचे हैं।