रिजर्व में रखा सोना भारतीय रिजर्व बैंक को मालामाल कर रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में सोने की कीमत में भारी गिरावट से बेअसर केंद्रीय बैंक को रिजर्व सोने से 41 फीसदी का रिटर्न (लाभ) मिला है।
मौजूदा समय में आरबीआई के पास 400 टन रिजर्व सोना है। इसकी कीमत 25.7 बिलियन डॉलर है।
2009 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से आरबीआई ने 200 टन सोना खरीदा था।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक इन रिजर्व सोने से बैंक को 41 फीसदी लाभ हुआ है। वहीं दूसरे लिक्विड एसेट्स (डॉलर, यूरो, येन और बॉन्ड्स) से आरबीआई को सोना के मुकाबले एक चौथाई ही लाभ मिला।
आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि अप्रैल में यदि सोने की कीमत पिछले हफ्ते नहीं गिरती तो आरबीआई का लाभ और बढ़ जाता।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई रिजर्व सोने के मूल्य का निर्धारण लंदन बुलियन एक्सचेंज के आधार पर करता है।
सोने की हिस्सेदारी 8.7 फीसदी
रिजर्व बैंक सोने की अपेक्षा लिक्विड एसेट्स रिजर्व रखता है। लिक्विड एसेट्स में विभिन्न देशों की मुद्राएं डॉलर, येन, यूरो और ट्रिपल ‘ए’ रेटिंग वाले मुल्कों के बॉन्ड्स होते हैं। 295 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा कोष में सोने की 8.7 फीसदी हिस्सेदारी है।
अक्तूबर 2009 में आरबीआई ने फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व मैनेजमेंट ऑपरेशन के तहत 6.7 बिलियन डॉलर में 200 टन सोना आईएमएफ खरीदा था।