मनोज को चाचा कहती थी गुड़िया

15 अप्रैल की शाम रेप का शिकार हुई गुड़ियाआरोपी मनोज को चाचा कहती थी। गांधी नगर में कुछ दिन पहले किराए का कमरा लेकर रहने आया मनोज मासूम से घुलमिल गया था।

घटना के दिन उसने कुरकुरे और चॉकलेट के बहाने मुनिया के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार दीं।

15 अप्रैल को वह लोनी के राम विहार स्थित कमरे पर मौजूद था। दोपहर को मनोज उसके कमरे पर पहुंचा और उन्होंने मीट व लोनी से ही पार्टी ब्रांड की दो बोतल देसी शराब खरीदी।

प्रदीप के कमरे पर ही दोनों ने शराब पी। करीब 3.30 बजे दोनों लोनी से गांधी नगर के लिए निकले। रास्ते से उन्होंने फिर शराब की बोतल खरीदी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मनोज ने रास्ते में मकान मालिक से कुछ रुपये लिए और करीब 4.45 बजे वे गांधी नगर स्थित कमरे पर पहुंचे।

एक बार फिर मनोज के कमरे पर शराब पी गई। इसके बाद मनोज कुरकुरे देने के बहाने मासूम को कमरे पर ले आया और दोनों ने उससे दरिंदगी की।

इसके बाद मनोज प्रदीप पर बच्ची का गला दबाकर मारने का दबाव बनाने लगा। प्रदीप का कहना है कि वह बुरी तरह डर गया था। उससे बच्ची का गला नहीं दबाया गया और उसने मनोज से ऐसे ही कह दिया कि उसने बच्ची को मार दिया है।

बाद में मनोज ने गुड़िया के गले पर ब्लेड से वार किए। शाम करीब 7.00 बजे दोनों एक साथ फरार हए और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से मुजफ्फरपुर पहुंचे।

प्रदीप मनोज के साथ उसकी ससुराल पहुंचा और वहां एक दिन रुका। मनोज ने प्रदीप का मोबाइल फोन और सिम दोनों रख लिए।

मनोज ने प्रदीप को दिल्ली में किसी से बात न करने की हिदायत भी दी। बाद में प्रदीप लखीसराय चला गया।

मुनिया के पिता करेंगे आरोपी पुलिस वालों की पहचान

गांधी नगर इलाके में गुड़िया के साथ हुई दरिंदगी के मामले में पिता को दो हजार रुपये की पेशकश करने वाले आरोपी पुलिस कर्मियों की फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है।

बच्ची के एम्स में इलाज की वजह से उसके पिता पुलिसकर्मियों की पहचान करने थाने नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस पर पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहा कि जरूरत पड़ने पर गांधी नगर थाने के सभी पुलिसकर्मियों को पहचान के लिए एम्स भेजा जाएगा।

सोमवार को मीडिया से मुखातिब दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा कि पहचान होने के बाद दोषियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी, कि दूसरे पुलिस वालों के लिए यह मिसाल बनेगी।

गौरतलब है कि गुड़िया के साथ दरिंदगी के बाद उसके पिता ने गांधी नगर थाने के दो पुलिसकर्मियों पर दो हजार रुपये लेकर मामला रफा-दफा करने का आरोप लगाया था। मामले पर खूब हो-हल्ला हुआ।

इस पर पुलिस आयुक्त ने आरोपियों की पहचान कर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करने की बात कही थी।

पुलिस के रवैये से उपराज्यपाल भी नाराज

गुड़िया से दरिंदगी की घटना और पुलिस के रवैये से उपराज्यपाल तेजेन्द्र खन्ना भी व्यथित हैं। उन्होंने पुलिस आयुक्त से नाराजगी जताते हुए कहा है कि गलत रवैया अपनाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें, जिसे उदाहरण के तौर पर रखा जा सके।

उपराज्यपाल ने दिल्ली की वर्तमान कानून व्यवस्था पर बुलाई गई बैठक में पुलिस आयुक्त से कहा कि मामले की जांच तेजी से करें और मीडिया को उससे अवगत कराएं।

उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि 16 दिसंबर की घटना के बाद जारी निर्देश का कड़ाई से पालन किया जाए। सूत्रों के अनुसार, ऐसे संकेत दिए गए हैं कि केन्द्र सरकार अभी पुलिस आयुक्त को नहीं हटाएगी, क्योंकि इससे गलत राजनीतिक संदेश जाएगा।

उपराज्यपाल के निर्देश पर मीडिया से मुखातिब हुए पुलिस आयुक्त के तेवर से यह साफ था कि उन्हें हटाने के संकेत नहीं दिए गए हैं।