पांच बातें, राहुल ने सीआईआई की बैठक में कहीं
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि देश में समस्या नौकरी की नहीं, बल्कि सही ट्रेनिंग की है। भारतीय युवा संघर्ष को तैयार है, बस हमें सही दिशा देने की जरूरत है।
उद्योगपतियों से मिलती है ऊर्जा
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की बैठक में राहुल ने कहा कि अब दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ गई है। इसका श्रेय बहुत हद तक यहां के उद्योगपतियों को जाता है। पहले भारत को ऊर्जा नदियों से मिलती थी, अब कारोबारियों से मिलती है।
राहुल ने कहा कि अकेले सरकार कुछ नहीं कर सकती है। इसके लिए सभी को साथ मिलकर चलना होगा। इसमें उद्योगपतियों की भूमिका बेहद अहम होगी।
वैसे भी किसी कारोबार की सोच महज पैसे कमाना नहीं होनी चाहिए। राहुल ने कहा कि सीआईआई सम्मेलन में आना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है।
राजनीतिक बदलाव जरूरी
राहुल ने कहा कि चार हजार विधायक और 600-700 सांसद देश को चला रहे हैं। देश को तरक्की के पथ पर ले जाना है तो सभी लोगों को सिस्टम से जुड़ना होगा। राजनीतिक दलें जमीन से जुड़ी नहीं हैं।
मसलन एक प्रधान की गांव की विकास में अहम भूमिका होती है लेकिन वह किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा होता है। ऐसे में वह किस प्रकार राजनीतिक दल तक अपना विचार पहुंचा पाएगा।
एजुकेशन सिस्टम में बदलाव की वकालत
राहुल ने कहा कि भारत युवाओं का देश है। हमारे मुल्क को ऊर्जा युवाओं से मिलती है। इसलिए युवाओं को सही शिक्षा देने की बेहद जरूरत है।
इसके लिए हमें वर्ल्ड एजुकेशन सिस्टम बनाने की जरूरत है। आखिर हम क्यों नहीं आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान बना रहे हैं?
यदि हम ऐसा करने में सफल रहें तो फिर निश्चय ही अपने युवाओं के सपने को पूरा करने में सक्षम होंगे। शिक्षा में उद्योगों को अपना योगदान देना होगा।
युवाओं की प्रशंसा
राहुल ने अपने भाषण में लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस में की गई गोरखपुर से मुंबई की यात्रा का जिक्र किया। राहुल ने कहा कि इस ट्रेन यात्रा से उन्हें आम लोगों की सोच और सपनों की जानकारी मिली।
राहुल ने कहा कि एक युवा किस तरह अपने सपने को पूरा करने के लिए जद्दोजहद करता है, इससे यह मुझे पता चला। इससे एक बात तो साबित हो गया कि भारतीय युवा संघर्ष करने का माद्दा रखते हैं।
बुनियादी ढांचा बेहतर करने पर जोर
राहुल ने कहा कि भारतीय उद्योगपति बेहद साहसी हैं। हमें बस बुनियादी ढांचा को सुधारने की जरूरत है। इसके लिए हमें मजबूत और बड़ी सड़कें बनानी होंगी। बंदरगाह तैयार कर उन्हें कारोबार के लिए प्लेटफॉर्म देना होगा।