गुजरात विधानसभा में विवादित गुजरात लोकायुक्त विधेयक पारित हो गया.
यह विधेयक मंगलवार 2 अप्रैल को विपक्षी कांग्रेस के भारी हंगामे के बीच पारित हुआ.
विधेयक में लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल के ‘वर्चस्व’ को सीमित कर दिया गया है.
कांग्रेस का वॉकआउट
कांग्रेस ने गुजरात लोकायुक्त आयोग विधेयक 2013 को नरेंद्र मोदी सरकार का भ्रष्टाचार छिपाने का प्रयास करार दिया. कांग्रेस के सदन बहिर्गमन के बाद यह विधेयक बहुमत से पारित हुआ.
राज्यपाल और मुख्य न्यायाधीश की शक्तियां सीमित करने के अलावा इस विधेयक का स्वरूप वर्तमान लोकायुक्त अधिनियम 1986 की तरह ही बना हुआ है जिसे कुछ कानूनी विशेषज्ञों ने ‘शक्तिहीन कानून’ करार दिया था.
विपक्ष के नेता शंकरसिंह वघेला ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार को डर है कि लोकायुक्त न्यायमूर्ति मेहता सरकार का भ्रष्टाचार उजागर करेंगे.
इस विधेयक के पारित होने से दो वर्ष पहले राज्यपाल कमला बेनीवाल ने लोकायुक्त संशोधन विधेयक को वापस कर दिया था जिसमें नियुक्ति की सभी शक्तियां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति को देने का प्रस्ताव था और जिसमें कहा गया था कि राज्यपाल उसकी सिफारिश पर काम करे. मुख्य न्यायाधीश को नये विधेयक में लगभग कोई भूमिका नहीं दी गई है.
वर्तमान लोकायुक्त कानून में लोकायुक्त के चयन की शक्ति राज्यपाल और राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास है.
कोर्ट से हार गई थी सरकार
इस विधेयक से पूर्व प्रदेश सरकार इस मसले पर कानूनी और राजनीतिक लड़ाई हार गयी थी. राज्यपाल कमला बेनीवाल ने राज्य सरकार की अनदेखी करते हुए न्यायाधीश आर ए मेहता को प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया था. इस वर्ष जनवरी में उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय ने भी इस नियुक्ति को सही ठहराया था.
उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि लोकायुक्त अधिनियम में उच्च न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश की सलाह की श्रेष्ठता अंतिम है.
वर्तमान लोकायुक्त कानून और लोकायुक्त आयोग विधेयक देानों में लोकायुक्त को केवल संबंधित प्राधिकार को अपनी निष्कर्ष रिपोर्ट सौंपने का अधिकार है लेकिन उसे कोई दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है.
विपक्ष के नेता शंकरसिंह वघेला ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार को डर है कि लोकायुक्त न्यायमूर्ति मेहता सरकार का भ्रष्टाचार उजागर करेंगे
.