इस्लामाबाद। चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिए जा चुके पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ आम चुनाव के दिन भी नजरबंद रहेंगे। एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने भुट्टो हत्याकांड मामले में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पाकिस्तान में 11 मई को आम चुनाव होने हैं।
संघीय जांच एजेंसी [एफआइए] के मुख्य अभियोजक चौधरी जुल्फिकार अली ने बताया कि रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधी अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान 30 अप्रैल को मुशर्रफ को पेश करने को कहा था, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें मंगलवार को जज के समक्ष पेश नहीं किया गया। अदालत ने 69 वर्षीय मुशर्रफ को भले ही 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा हो, लेकिन वह इस्लामाबाद के बाहरी इलाके शक शहजाद में स्थित अपने फार्म हाउस में ही रहेंगे। उनके फार्म हाउस को पहले ही उपजेल घोषित किया जा चुका है। अली ने कहा, मुशर्रफ ने अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर डालने की कोशिश की है, लेकिन इस बात के पुख्ता सुबूत हैं कि वह दोषी हैं। जांच पूरी होने के बाद एफआइए उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग नहीं करेगा।
मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी। यानी आम चुनाव के तीन दिन बाद। पिछले महीने चुनाव में हिस्सा लेने के लिए मुशर्रफ चार साल के स्वनिर्वासन बाद पाकिस्तान लौटे थे। मगर बदकिस्मती से चुनाव वाले दिन वह नजरबंद रहेंगे। चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिए जाने के कारण उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर पहले ही पानी फिर चुका है।
विदित हो कि गत 26 अप्रैल को सुनवाई के दौरान अदालत ने मुशर्रफ को चार दिन के लिए एफआइए की हिरासत में भेज दिया था। ताकि जांचकर्ता भुट्टो हत्याकांड मामले में मुशर्रफ से पूछताछ कर सके। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की दिसबंर, 2007 में एक रैली के दौरान हत्या कर दी गई थी। मुशर्रफ पर उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराने का आरोप है।
मुख्य अभियोजक ने संवाददाताओं से कहा कि गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति की जान को खतरा बताया गया है। इस कारण उन्हें मंगलवार को अदालत में पेश नहीं किया गया। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने उन्हें मारने के लिए आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों के एक विशेष दस्ते के गठन की घोषणा की थी। हाल ही में मुशर्रफ के घर के पास विस्फोटकों से भरी कार खड़ी पाई गई थी।