उच्चतम न्यायालय ने पुलिस कर्मियों की पंजाब में एक लड़की और बिहार में अनुबंधित शिक्षकों की पिटाई मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है.
न्यायालय ने पुलिस की बर्बरता पर कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को पुलिस के आचरण पर दोनों राज्यों से सोमवार तक जवाब मांगा है.
इसके अलावा कोर्ट ने अटर्नी जनरल वाहनवती, हरीश साल्वे, यू यू ललित से कोर्ट की मदद करने के लिए कहा है.
पंजाब पुलिस की बर्बता, बेरहमी से लड़की-पिता को पीटा
गौरतलब है कि पंजाब के तरनतारन में 22 वर्षीय एक लड़की को पुलिसकर्मियों ने जमकर पीटा. पुलिसकर्मियों ने उसके पिता को उस समय पीटा जब उन्होंने लड़की के साथ सरेआम दुर्व्यवहार करने वाले और उस पर फब्तियां कसने वाले कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है और विभागीय जांच शुरु हो गई है. मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए.
उग्र शिक्षकों पर जमकर लाठीचार्ज
उधर, बिहार में सरकारी शिक्षकों की तरह वेतनमान और स्थायीकरण की मांग को लेकर राजधानी में आंदोलनरत अनुबंधित शिक्षकों पर पुलिस ने काफी बर्बरता की और कई शिक्षकों की पिटाई की.
बिहार विधानमंडल परिसर से करीब 400 मीटर की दूरी पर स्थित राजधानी पटना के आर ब्लाक चौराहे पर प्रदर्शनकारी शिक्षकों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प हो गई.
इससे आक्रोशित शिक्षकों ने एक पुलिस जीप और दो बसों को आग लगा दी, पथराव कर वहां खड़े दर्जनों चार पहिया वाहनों के शीशे और मोटरसाइकिलों को क्षतिग्रस्त कर दिया. पुलिस ने भी लाठीचार्ज कर और आंसू गैस के गोले छोडकर शिक्षकों को खदेड दिया.