जागरण संवाददाता, लखनऊ : नाका पुलिस ने पांच बांग्लादेशी तथा तीन नेपाली नागरिकों को गिरफ्तार कर खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का राजफाश किया है। गिरोह मुंबई और दिल्ली की ट्रेवल एजेंसियों की मदद से वीजा बनवाकर फर्जी पासपोर्ट व अन्य जाली दस्तावेजों की मदद से युवकों को खाड़ी देशों में भेजता था।
इनके कब्जे से बांग्लादेश व नेपाल में बनवाए गए 18 पासपोर्ट मिले हैं, जिनमें चार पासपोर्ट जाली हैं। साथ ही इनके पास से 20 सिम, आठ मोबाइल फोन, नेपाल का फर्जी रोजगार परमिट व मोहर, पश्चिम बंगाल का निर्वाचन कार्ड, रियाल व करीब 32 हजार रुपये भी मिले हैं। आशंका है कि गिरोह आतंकी संगठनों के लिए स्लीपिंग मॉड्यूल का काम भी कर रहा था। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी इसकी जांच किए जाने की बात कह रहे हैं। आरोपितों से रॉ, आइबी, स्पेशल इंटेलीजेंस यूनिट व एलआइयू के अधिकारियों ने भी लंबी पूछताछ की।
एएसपी पश्चिम अजय कुमार के मुताबिक पुलिस ने चारबाग स्थित बाबा होटल के कमरा नंबर 313 में नौ फरवरी से ठहरे तीन नेपाली तथा एक घुसपैठ कर आए बांग्लादेश निवासी शाह जलाल खान को पकड़ा। बाद में जलाल की निशानदेही पर चार अन्य बांग्लादेशी युवक पकड़े गए। चारबाग चौकी प्रभारी अतुल श्रीवास्तव के मुताबिक गिरोह के सरगना शाह जलाल के कब्जे से तीन जाली नेपाल के पासपोर्ट तथा एक बांग्लादेश का पासपोर्ट मिला है। उसके नाम से 24 परगना, पश्चिम बंगाल का बना निर्वाचन कार्ड, डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन इंप्लायमेंट, नेपाल का जाली विदेशी रोजगार परमिट व फर्जी मोहर भी मिली है। गिरोह बांग्लादेश व नेपाल के नागरिकों को खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे दो से तीन लाख रुपये वसूलता था। इसके बाद मुंबई व दिल्ली की ट्रेवल एजेंसियों के जरिए वीजा बनवाकर फर्जी दस्तावेजों की मदद से उन्हें नौकरी के लिए सऊदी अरब, दोहा, कतर, बहरीन व अन्य खाड़ी देशों में भेजा जाता था। गिरोह अब तक 40 से अधिक लोगों को विदेश भेज चुका है। गिरोह के सदस्य बांग्लादेश से घुसपैठ कराकर कई नागरिकों को फर्जी तरीके से भारत लाते थे, जो विदेश न जाने पर भारत में ही छिपकर रहने लगते थे। गिरोह के पास से मिले 14 पासपोर्ट दूसरे व्यक्तियों के हैं, जिन्हें विदेश भेजने की तैयारी थी। इन पासपोर्ट व उनके मालिकों के बारे में भी छानबीन की जा रही है। इनके पास से मिले सिम भारत व बांग्लादेश के हैं। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में गहनता से छानबीन कर रही है।
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पकड़े गए आरोपी
1-शाह जलाल खान निवासी ग्राम रोबूनाथपुर जिला चातपुर बांग्लादेशी
2- कमाल हुसैन निवासी कलुई वार्ड संख्या 8 नीलम हाल, सोनाईमुरी लोआरवाली बांग्लादेश
3- मु.अब्दुल कासिम निवासी पर्खा बारघोना वार्ड नं.पांच, बासखाली बांग्लादेश
4- जलाल निवासी ग्राम रोंगी खाली थाना हेमांक चीटागांव बांग्लादेश
5- इलियास निवासी ग्राम रामू जिला काक्स बाजार, चीटागांव बांग्लादेश
6- केदारनाथ खतिपाड़ा निवासी ग्राम दोची थाना तोपगाही, जापा नेपाल
7- खड़ग बहादुर तमांगा निवासी नवलपुर, सिघपल चौक नेपाल
8- पदमराज गिरि निवासी कोल्हुआ नवल परसाई नेपाल
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दो हजार टका में पार कराते थे सरहद
बांग्लादेशी घुसपैठियों के पकड़े जाने के साथ ही भारत की सीमा पर तैनात अर्द्धसैनिक बलों व स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग गया है। पुलिस के मुताबिक गिरोह के सदस्य हर युवक से दो हजार टका वसूल कर उसे हरिदासपुर, पश्चिम बंगाल के रास्ते पैदल सीमा पार कराते थे। गिरोह ने इसके लिए एसएसबी के जवानों व अन्य स्थानीय लोगों से सांठगाठ होने की बात स्वीकार की है।
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स्थानीय मददगारों की अहम भूमिका
गिरोह के स्थानीय तार बेहद मजबूत थे। इंस्पेक्टर नाका विजय प्रकाश सिंह के मुताबिक आजादनगर, सरोजनीनगर में ट्रेवेल एजेंसी संचालित करने वाला हरिराम यादव गिरोह का बेहद करीबी था। मूल रूप से कुशीनगर निवासी हरिराम का नाम गत दिनों सरोजनीनगर में बांग्लादेशी घुसपैठियों के पकड़े जाने पर भी प्रकाश में आया था। तब हरिराम अपनी ट्रेवल एजेंसी बंद कर भाग निकला था, तबसे पुलिस उसकी तलाश कर रही है। वहीं कैसरबाग निवासी चांद खान ने अपने करीबी मुल्ला की मदद से गिरोह के सदस्यों को कुक्स कंपाउंड, कैसरबाग में किराए पर फ्लैट दिलाया था। फ्लैट मालिक दंपती सऊदी अरब में रहते हैं। गिरोह के सदस्य यहां करीब डेढ़ माह से रह रहे थे। चांद नेपाल में एसी रिपेयरिंग का काम करता है और इन दिनों वहीं है।
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दो पासपोर्ट पर एक व्यक्ति की फोटो
पुलिस को मिले चारों जाली पासपोर्ट नेपाल में ही बनवाए गए थे। शाह जलाल खान के पास से मिले तीन जाली पासपोर्ट में दो पासपोर्ट चुमन सिंह खत्री तथा राजू गुरंग के नाम हैं लेकिन दोनों पासपोर्ट में फोटो एक ही व्यक्ति की है। एक पासपोर्ट दीपो साहू के नाम है। वहीं आरोपी मु.कमाल हुसैन के पास से ठाकुरप्रसाद तिवारी के नाम पर बना पासपोर्ट मिला, इसमें फोटो कमाल की ही लगी है। कमाल के पास बांग्लादेश का भी पासपोर्ट है।