दिल्ली से गाजियाबाद, गुड़गांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा आदि एनसीआर के सभी क्षेत्रों में यात्रियों का आवागमन आसान हो जाएगा.
दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा एनसीआर के लिए आठ हजार परमिट जारी करने का निर्णय लिये जाने के बाद अब ऑटो चालकों के लिए भी पड़ोसी राज्यों की सीमाओं की बंदिश खत्म हो जाएगी. ये परमिट उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के साथ हुए साझा परिवहन समझौते के तहत दिये जाएंगे. इसके बाद यात्रियों को दिल्ली की सीमा पर ऑटो नहीं बदलना पड़ेगा.
राजधानी दिल्ली तथा एनसीआर के शहरों के बीच प्रतिदिन लाखों यात्री आवागमन करते हैं. ऑटो के जरिए एनसीआर के शहरों गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गुडगांव आदि के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है. उत्तर प्रदेश व हरियाणा के ऑटो चालक चालान के डर से दिल्ली में आने से इनकार करते हैं और दिल्ली के ऑटो चालक उत्तर प्रदेश व हरियाणा के शहरों में जाने से इनकार करते हैं.
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड सुझाई समस्या
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की पहल पर कई बार तीनों राज्यों के अधिकारियों की बैठकें बुलाकर इस समस्या का समाधान करने की भी कोशिश की गई लेकिन राजधानी में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 55 हजार ऑटो की संख्या का प्रतिबंध होने के कारण दिल्ली में पड़ोसी राज्यों के ऑटो के आवागमन को अनुमति नहीं दी जा रही थी.
हालांकि पड़ोसी राज्यों से इस बारे में एक समझौता भी हुआ था जिसमें यह तय किया गया था कि तीनों राज्यों के ऑटो, टैक्सी चालक एक दूसरे के राज्य में प्रवेश कर सकेंगे. इस समझौते के बावजूद दिल्ली के ऑटो एनसीआर के शहरों में नहीं जाते थे क्योंकि परिवहन विभाग ने एनसीआर के लिए उन्हें परमिट जारी नहीं किये थे.
राजधानी के नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों के अलावा कश्मीरी गेट, आनंद विहार तथा सराय काले खां बस अड्डों पर प्रतिदिन लाखों यात्री ऐसे आते हैं जिन्हें यहां से एनसीआर के गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा या फिर गुडगांव के लिए जाना होता है लेकिन उन्हें इन स्टेशनों व बस अड्डों से सीधे ऑटो नहीं मिलता. नतीजतन यात्री पहले बॉर्डर तक आटो से जाते हैं फिर वहां से उन्हें संबधित शहर के लिए दूसरा ऑटो को लेना पड़ता है.
यात्रियों की इसी समस्या के समाधान के लिए दिल्ली परिवहन विभाग ने एनसीआर के लिए 8000 ऑटो के परमिट देने का निर्णय हाल ही में लिया है. दिल्ली के परिवहन मंत्री रमाकांत गोस्वामी के अनुसार दिल्ली और एनसीआर शहरों के बीच ऑटो के आने-जाने को सुगम बनाने और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए 8,000 ऑटो परमिट जारी करने का फैसला किया गया है.
8,000 ऑटो परमिट जारी होंगे
उन्होंने बताया कि ये परमिट आपसी साझा परिवहन समझौते के अंतर्गत दिए जा रहे हैं. गोस्वामी के अनुसार यह समझौता दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच 2008 में हुआ था. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली में ऑटो की संख्या 45,000 बढ़ाने की अनुमति देने के बाद दिल्ली में ऑटो की 55000 अधिकतम संख्या पर लगा प्रतिबंध समाप्त हो गया है.
एनसीआर के लिए परमिट व्यक्तिगत रूप से ऑटो चालकों को न देकर कंपनियों को दिये जाएंगे
उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद ही जिन नये 45000 ऑटो के परमिट जारी किये जा रहे हैं उन्ही में 8,000 ऑटो परमिट एनसीआर के लिए जारी किये जाएंगे. उन्होंने बताया कि एनसीआर के लिए परमिट व्यक्तिगत रूप से ऑटो चालकों को न देकर कंपनियों को दिये जाएंगे.
उन्होंने कहा कि एक कंपनी को 200 से 500 ऑटो तक परमिट जारी किये जाएंगे और परमिट लेने वाली कंपनी को ही अपनी सुविधा के अनुसार एनसीआर में ऑटो चलाने का अधिकार होगा. उन्होंने कहा कि इससे एनसीआर के बीच सार्वजनिक परिवहन की स्थिति सुधरेगी.