लंदन। आबरू बचाने के लिए होटल के बालकनी से छलांग लगाने वाली ब्रिटिश महिला अपनी यात्रा बीच में ही छोड़कर शुक्रवार को स्वदेश लौट गई। महिला ने एक साक्षात्कार में कहा कि उसके पास कूदकर भागने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था।
लंदन निवासी पीडि़त महिला ने बीबीसी को बताया कि पिछले तीन सप्ताह तक भारत के विभिन्न शहरों का भ्रमण करते हुए वह आगरा पहुंची थी। उसने ताजमहल के करीब स्थित होटल आगरा महल में कमरा लिया। दो दिन बाद घटना के दिन अहले सुबह पौने चार बजे होटल का मैनेजर सचिन चौहान दरवाजे पर लगातार 10 मिनट तक दस्तक देता रहा। दरवाजा खोलने पर बाहर खड़े मैनेजर ने उससे पूछा कि क्या वह स्नान करना चाहेगी और उसने हाथ में पकड़ी हुई तेल की शीशी दिखाते हुए शरीर की मालिश करने का भी प्रस्ताव रखा। वह शराब की नशे में था। पीड़िता ने कहा कि उसने किसी तरह दरवाजा बंद कर दिया और अपनी चाभी ताले में ही लगी रहने दी, लेकिन मैं उसे दूसरी ओर से दरवाजा खोलने की कोशिश करते हुए महसूस कर रही थी। उसने उसे रोकने के लिए होटल के फर्नीचर का इस्तेमाल भी किया। ब्रिटिश महिला ने कहा कि मैनेजर करीब 45 मिनट तक कमरे में घुसने की कोशिश करता रहा। वह किसी भी तरह मेरे कमरे में घुसना चाहता था। मुझे 100 फीसद यकीन था और फिर एक ही तरीका था, दूसरी मंजिल की बालकनी से कूदकर किसी तरह अपनी इज्जत बचाना। वह अपने कमरे की बालकनी से पहले मंजिल की बालकनी में कूदी और फिर वहां से जमीन पर आ गई। इस दौरान उनके दाहिने पैर में चोट आई। वह किसी तरह सड़क पर पहुंची और एक ऑटो वाले की मदद से स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंची।
पीड़ित महिला ने होटल में ठहरे अन्य लोगों के व्यवहार को काफी घिनौना बताते हुए कहा कि वह एक घंटे से ज्यादा समय तक मदद के लिए चीखती रही, लेकिन कोई उन्हें बचाने नहीं आया। हालांकि, होटल के मैनेजर ने कोर्ट में आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि उसने महिला को जगाने के लिए उसके दरवाजे पर दस्तक दी थी। पीड़िता ने इस बात से इन्कार किया है कि उन्होंने किसी से भी उसे जगाने के लिए कहा था और बताया कि उन्होंने जयपुर जाने के लिए अपने फोन पर साढ़े चार बजे का अलार्म लगा लिया था।
ब्रिटिश महिला ने कहा कि वह अपने हमलावरों के खिलाफ गवाही देने के लिए जरूर वापस जाएगी, लेकिन साथ ही कहा कि वह कभी अकेले यात्रा नहीं करेगी। महिला का कहना है कि वह इसलिए बात करना चाहती हैं क्योंकि यौन उत्पीड़न का शर्म कई लोगों को इतना डरा देता है कि वे कुछ बोल ही नहीं पाते।