हैदराबाद। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला कल से यहां के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा। चेन्नई में जीत हासिल करने के कारण जहां टीम इंडिया के हौसले बुलंद हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया दूसरे टेस्ट मुकाबले में दो स्पिनर्स को अंतिम एकादश में शामिल करने पर असमंजस में है। इसमें कोई शक नहीं कि चेन्नई में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। जीत का यह सिलसिला हैदराबाद में भी जारी रह सकता है। इसके पीछे मुख्य रूप से पांच कारण हैं :
1. धौनी, कोहली, सचिन का फॉर्म
चेन्नई टेस्ट में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का दोहरा शतक, विराट कोहली का शतक और सचिन तेंदुलकर का पहली पारी में बनाया गया शानदार अर्धशतक यह साबित करता है कि टीम इंडिया के ये तीनों शेर फॉर्म में है। पहले टेस्ट मुकाबले में भी इन्हीं तीनों बल्लेबाजों के दम पर टीम इंडिया ने पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा किया था। बड़ी पारी खेलने के बाद इन तीनों के आत्मविश्वास में काफी इजाफा हुआ है, इसलिए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को इन तीनों को काबू में करना बिलकुल भी आसान नहीं होगा।
2. अश्विन की पसंदीदा पिच
पहले टेस्ट मुकाबले में 12 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अपनी उंगलयिों पर नचाने वाले आर. अश्विन इस मुकाबले में भी कहर बरपा सकते हैं। राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में अश्विन का रिकॉर्ड भी जबरदस्त है। पिछले साल अगस्त में न्यूजीलैंड के खिलाफ अश्विन ने दोनों पारियों में 6-6 विकेट लेकर तहलका मचा दिया था। टीम इंडिया ने वह मुकाबला पारी और 115 रनों से अपने नाम किया था।
3. स्पिनर्स के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की नाकामी
चेन्नई टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की स्पिनर्स के खिलाफ न खेल पाने की कमजोरी एकबार फिर सामने आ गई। भारतीय स्पिनर्स आर. अश्विन, रवींद्र जडेजा और हरभजन सिंह ने मिलकर सभी 20 विकेट ले लिए। माइकल क्लार्क और म्वॉयसेस हेनरिक्स को छोड़कर कोई भी कंगारू बल्लेबाज भारतीय स्पिनर्स के सामने टिककर नहीं खेल सका। इसलिए दूसरे टेस्ट मुकाबले में भी टीम इंडिया उनकी इस बड़ी कमजोरी का फायदा उठा सकती है।
4. ऑस्ट्रेलिया पर मनोवैज्ञानिक दबाव
पहला टेस्ट मुकाबला हारने के बाद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर सीरीज में वापसी करने का दबाव झलक रहा है। उनपर इतना दबाव है कि वे अभी तक यह निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं कि दूसरे टेस्ट मैच में वे मैदान पर दो स्पिनर्स के साथ उतरें या फिर एक के साथ। तेज गेंदबाजों पर घमंड करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का भरोसा अब काफी कम हो गया है। वे अपनी रणनीति बदलने में जुटे हुए हैं। सीरीज में 0-1 से पिछड़ने के बाद उनका मनोबल भी काफी नीचे हुआ है, इसलिए टीम इंडिया थोड़ी सावधानी बरतते हुए उनकी इस कमजोरी का फायदा उठा सकती है।
5. इस स्टेडियम का पुराना रिकॉर्ड
राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में अबतक दो मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें एक मैच ड्रॉ रहा है, जबकि दूसरा मुकाबला टीम इंडिया के नाम रहा है। इस स्टेडियम में खेले गए पिछले मुकाबले में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को पारी और 115 रनों से हराया था। पिछले रिकॉर्ड के हिसाब से टीम इंडिया का पलड़ा भारी है। धौनी को भी वह मुकाबला अच्छी तरह याद होगा। उस मुकाबले में भी स्पिनर्स का जलवा था। इसलिए अश्विन, हरभजन, रवींद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा (अगर मौका मिलता है) ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को नाको चने चबवा सकते हैं।