नई दिल्ली। मुंबई में हुए 1993 के सीरियल बम ब्लास्ट में सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन को मुख्य साजिशकर्ता मानते हुए उसकी फांसी की सजा बरकरार रखी है। हालांकि कोर्ट ने 10 लोगों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। याकूब मेमन, टाइगर मेमन का भाई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि पाकिस्तान एक अच्छे पड़ोसी जैसा व्यवहार नहीं कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 17 लोगों की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी है। गौरतलब है कि याकूब मेमन समेत 11 लोगों को मुंबई ब्लास्ट में टाडा कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। 14 साल चले इस मुकदमे में 100 आरोपियों को सजा हुई जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इन बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग जख्मी हुए थे।
गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद फैले दंगों में सोने की तस्करी करने वाले टाइगर मेमन का बिजनेस तबाह हो गया था। मेमन ने अपनी बर्बादी का बदला लेने के लिए मुंबई को दहलाने की साजिश रची। मुंबई बम धमाकों के अंजाम देने के लिए दुबई में एक खुफिया मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद कुछ नौजवानों को बम बनाने की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान भेजा गया। इसके बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने आतंकियों को मुंबई में हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया और फिर आया वो ब्लैक फ्राइडे जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।
इस मामले में एक के बाद एक कुल 123 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों में बॉलीवुड स्टार संजय दत्त भी थे। पुलिस को संजय दत्त के घर से एके-47 राइफल मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें टाडा के तहत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने 4 नवंबर 1993 को विशेष टाडा कोर्ट में मामले की चार्जशीट दाखिल की।
इस चार्जशीट में कुल 123 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए। 30 जून 1995 को मामले की सुनवाई शुरू हुई। करीब 12 साल बाद 18 मई 2007 को इस मामले की सुनवाई खत्म हुई। टाडा कोर्ट ने 100 आरोपियों को इस मामले में दोषी ठहराया। इनमें से 12 दोषियों को फांसी की सजा, 20 को उम्रकैद और 67 को 3 से 14 साल तक की सजा सुनाई थी। फांसी की सजा पाए एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई।