अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाए जाते 100 साल के करीब होने को आए हैं लोकिन यथार्थ में महिलाओं को आज भी सम्मान नहीं मिल सका है.
आज के युग में अपराध की घटनाएं पहले के मुकाबले कहीं अधिक बढ़ गई हैं और इन अपराधों में ज़्यादातर अपराध महिलाओं के खिलाफ ही हो रहे हैं. महिला दिवस पर बात करते हुए क्या हम कह सकते हैं कि हम महिलाओं के अंदर सुरक्षा की भावना उत्पन्न करने में सफल रहे हैं.
भारत और विकासशील देशों में महिलाओं के प्रति हिंसा और जुल्म की वारदातें ज्यादा हो रही हैं. कौन सा ऐसा ओहदा है जहां नारी के कदम न पड़े हों. हर जगह उसने अपनी मौजूदगी दर्ज करायी है, अपनी धमक महसूस करायी है.
इसके बावजूद कई जगहों में शोषण का शिकार क्यों होती है महिलाएं ? क्यों कई जगहों में उन्हें कोख में ही कत्ल कर दिया जाता है ? क्यों उसे अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है?
पूरा हक नहीं मिला
महिलाओं का मानना है कि पुरुष प्रधान समाज में उन्हें पूरा हक नहीं मिल रहा है. महिलाओं के आवाज को बुलंद करने के लिये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बनाया गया, फिर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. इस दिन की अहमियत तभी साबित होगी जब महिलाएं अपने वजूद को खुद समझेंगी और उन्हें सम्मान दिया जाएगा.
देश की आधी आबादी को अपना हक पाने के लिए आखिर कब तक संघर्ष करना होगा.
महिलाओं का मानना है कि पुरुष प्रधान समाज में उन्हें पूरा हक नहीं मिल रहा है. यही वजह है कि अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए उन्होंने एक दिन चुना जिसे नाम दिया गया अंतररा,्ट्रीय महिला दिवस.
महिला दिवस की अहमियत तभी साबित होगी जब महिलाएं अपने वजूद को खुद समझेंगी और समाज महिलाओं की अहमियत को समझेगा और उन्हें सम्मान देगा.
बॉलीवुड ने किया सलाम
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अदाकार अमिताभ बच्चन से लेकर बॉलीवुड की शीर्ष नायिकाएं माधुरी दीक्षित, जूही चावला और शबाना आजमी ने महिलाओं के जज्बे और संघर्ष को सलाम किया.
दिग्गज अदाकारा शबाना आज़मी ने ट्विटर पर कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं. हम बहादुर महिलाओं को सलाम करते हैं जिन्होंने हमारे लिए आजादी का रास्ता तैयार किया.’’
बॉलीवुड की कामकाजी माताओं जूही चावला और माधुरी दीक्षित ने भी महिला दिवस के संदेश दिए.
अदाकारा बिपाशा बसु ने कहा, ‘‘महिला के तौर पर पैदा होने का मुझे गर्व है और मुझे खुशी है कि यह दिन दुनिया भर की महिलाओं को समानता की ओर काम करने के लिए प्रेरित करता है. महिला दिवस की शुभकामनाएं महिलाओं.’’
महिला पत्रकारों से मिले राष्ट्रपति
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कुछ महिला पत्रकारों से मुलाकात की.
महिला पत्रकारों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में महिलाओं का आगे आना गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण का सबसे बढ़िया उदाहरण है.
33 फीसदी आरक्षण की मांग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संसद में आज महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लिए विधायिकाओं में उन्हें 33 प्रतिशत आरक्षण देने, हर संसद सत्र में किसी महिला विषय पर एक चर्चा करने और प्रत्येक महिला दिवस पर उनके लिए साल भर का एक मुद्दा तय कर उसका समाधान निकालने के सुझाव दिए गए.
लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद महिला दिवस पर सबको बधाई देते हुए अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, महिलाओं के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के प्रयास में सदन के हर सत्र में महिलाओं से जुड़े किसी विषय पर चर्चा होनी चाहिए.