अजमेर। अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के दीवान जैनुल आबेदिन अली खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री परवेज अशरफ की जियारत का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। दीवान आबेदिन ने पाक सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों के सिर काटने के विरोध में ये फैसला किया है । हिंदूवादी संगठन पहले से ही परवेज अशरफ के आने का विरोध कर रहे हैं।
अजमेर के वकीलों ने भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री परवेज अशरफ की अजमेर यात्रा के विरोध की चेतावनी देकर प्रशासन की मुश्किल बढ़ा दी है। उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की अजमेर यात्रा को उनका निजी दौरा बताते हुए कांग्रेस ने सभी दलों से इसपर राजनीति नहीं करने की अपील की है।
अजमेर में हेलीपैड से दरगाह तक जाने वाली सड़कों पर से स्पीड ब्रेकर हटाए जा रहे हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टर लगातार रिहर्सल कर रहे हैं। दरगाह के नजदीकी होटलों में खुफिया पुलिस की तैनाती कर दी गई है। वहीं दरगाह कमेटी ने भी पाकिस्तानी पीएम के शानदार स्वागत की बात कही है। परवेज अशरफ जियारत के लिए शनिवार नौ मार्च को अजमेर शरीफ आ रहे हैं।
उधर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पाक पीएम के दौरे को उनकी निजी यात्रा बताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने भी कहा है कि चाहे किसी भी देश के पीएम भारत आ रहे हों, हमें उनका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने पीएम की इस यात्रा को आस्था के नजरिए से देखने की अपील की। वहीं केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने भी दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रखने पर जोर दिया।
उधर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कहा है कि हमारे सैनिकों का पाक सैनिकों ने जो सर कलम किया वो बहुत गलत किया। हमें लगता है कि पाक सरकार इससे सख्ती से निपटेगी। इस तरह की घटना से मन टूटता है। पाक पीएम का स्वागत है। ख्वाजा की दरगाह जा रहे हैं, उन्हें ख्वाजा सदबुद्धि देंगे। इसमें किसी को भी राजनीति नहीं करना चाहिए। युद्ध ही एक समाधान है ऐसा नहीं है। बातचीत से भी मामला सुलझाना चाहिए।