नई दिल्ली। नोटों के जल्दी खराब होने और जाली नोटों की समस्या से निपटने के लिए सरकार अब प्लास्टिक नोट लाने जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने परीक्षण के तौर पर पांच शहरों में 10 रुपये के एक अरब प्लास्टिक नोट उतारने की तैयारी की है।
वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि फील्ड ट्रायल के तौर पर यह नोट कोच्ची, मैसूर, जयपुर, भुवनेश्वर व शिमला में उपलब्ध कराए जाएंगे। इन शहरों की भौगोलिक स्थिति और जलवायु में विविधता को देखते हुए इनका चयन किया गया है।
आरबीआइ के मुताबिक ये नोट पेश करने का मुख्य उद्देश्य नोटों की उम्र बढ़ाना है। इससे नकली नोटों पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी।
मीणा ने कहा कि जाली नोटों की समस्या से निपटने के लिए आरबीआइ, वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय, सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां सहित विभिन्न एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। ये एजेंसियां जाली नोटों की रोकथाम के लिए नियुक्त नोडल समूहों के काम की नियमित निगरानी कर रही हैं।
मीणा ने कहा कि जाली नोटों से संबंधित मामलों की जांच और कार्रवाई नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) करेगी। एनआइए के तहत आतंकियों को धन उपलब्ध कराने और जाली नोटों के मामलों से निपटने के लिए एक विशेष सेल गठित किया गया है।