भारत ने साफ कर दिया है कि दो इतालवी नौसैनिकों को वापस नहीं भेजने का इटली सरकार का फैसला उसे कतई मंजूर नहीं है।
मंगलवार को विदेश सचिव रंजन मथाई ने इटली के राजदूत को बुलाकर दो टूक कहा कि इटली सरकार को यहां की सुप्रीम कोर्ट से किया गया वादा निभाना ही पड़ेगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इटली का यह रवैया स्वीकार्य नहीं है।
सोमवार शाम इटली के विदेश विभाग ने भारत को खबर दी कि केरल के दो मछुआरों की मौत के आरोपी इटली के नौसैनिकों मासिमिलियानो लाटोरे और सलवाटोर गिरोने भारत वापस नहीं लौटेंगे।
यह नौसैनिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत अपने इटली में होने वाले चुनाव में वोट डालने गए थे। इटली सरकार ने अपने इस फैसले के पीछे संयुक्त राष्ट्र के समुद्र में लागू कानून का हवाला दिया है। इटली ने विदेश मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इस मसले को राजनयिक स्तर पर बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।
लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि किसी भी बातचीत से पहले इटली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से किए वादे को निभाते हुए दोनों नौसैनिकों को वापस भेजना पड़ेगा। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि इटली के इन दावों के कानूनी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नौसैनिकों को वापस नहीं भेजने की खबर के बाद केरल के वामपंथी और कांग्रेस सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। मनमोहन ने इटली के इस रुख को अस्वीकार करते हुए विदेश मंत्रालय को सभी जरूरी उपाय करने का आदेश दिया है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने इटली सरकार के� आग्रह पर इस साल 24-25 फरवरी को वहां हुए राष्ट्रीय चुनाव में हिस्सा लेने के लिए इन दोनों नौसैनिकों को जाने की इजाजत दी थी।
क्या है मामला
पिछले साल फरवरी में केरल के कोच्चि में इटली के पोत पर सवार इन नौसैनिकों की चलाई गोली से केरल के दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इटली सरकार का दावा है कि यह घटना समुद्र के अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में हुई लिहाजा यह मुकदमा इटली की अदालत में चलना चाहिए। जबकि भारत इस बात पर कायम है कि यह भारतीय सीमा क्षेत्र की घटना है।
आरोपियों पर नरम क्यों सरकार : भाजपा
केरल के मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के दो नौसैनिकों को स्वदेश जाने देने के मामले में भाजपा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर क्या बात है कि जब भी आरोपी इटली का होता है तो भारत का कानून ढीला हो जाता है।
भाजपा ने इसे सरकार की कूटनीतिक विफलता करार दिया है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि अब इटली सरकार इन नौसैनिकों को भारत भेजने से मुकर गई है। उन्होंने कहा कि क्वात्रोची हो या अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घूसकांड या अब हत्या के आरोपी दो नौसैनिकों के स्वदेश जाने का मामला, यूपीए सरकार ने इटली से संबंधित इन सभी मामलों में लचीला रुख अपनाया है।