नई दिल्ली।। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नैशनल काउंसिल में रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर मोर्चे पर कांग्रेस की खिंचाई की। कांग्रेस पार्टी से ज्यादा वह गांधी-नेहरू परिवार के प्रति हमलावर दिखे। हालांकि, अपने भाषण में मोदी ने सोनिया गांधी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने इशारों-इशारों में कांग्रेसियों को पार्टी नेताओं के खिलाफ बगावत के लिए उकसाया। भाषण में प्रणव की तारीफ के पीछे उनकी यही मंशा झलक रही थी। मोदी ने कहा कि बीजेपी मिशन के लिए काम करती है, जबकि कांग्रेस कमीशन के लिए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमारे रहते हिंदुस्तान के तख्त पर ऐसी सरकार (मनमोहन सिंह की सरकार) हो, हमें मंजूर नहीं। साथ ही उन्होंने गुजरात की जीत को अपनी जीत न बताकर कार्यकर्ताओं की जीत बताई। यह साफ संकेत था कि नरेंद्र मोदी अब पार्टी में बड़ी भूमिका के लिए तैयार हैं।
कांग्रेसियों को गांधी-नेहरू परिवार के खिलाफ भड़काया
नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक परिवार के हित के लिए कांग्रेस ने देश के हितों का बलिदान दे दिया। कांग्रेस की यही परंपरा रही है। कांग्रेस में मजबूत व्यक्ति को कभी आगे नहीं बढ़ाया गया। सीताराम केसरी को कांग्रेस ने प्रेजिडेंट नहीं, ‘नाइटवॉच मैन’ बना कर रखा। मौका मिलते ही उन्हें कांग्रेस दफ्तर के बाहर फेंक दिया गया। पूरे देश ने यह देखा है। अब तक किसी मजबूत व्यक्ति को कांग्रेस में इस डर से प्रेजिडेंट नहीं बनाया गया ताकि परिवार का आधिपत्य खत्म न हो जाए। ऐसा वक्त भी आया जब केसरी को ठिकाने लगा दिया। इस परिवार को जिस-जिस से खतरा होता है उसको रास्ते से हटा दिया गया।
प्रणव, मनमोहन सिंह से बेहतर पीएम साबित होते
मोदी ने कहा कि, आज भी मुझे लगता है… काश! मनमोहन सिंह की जगह पर प्रणव मुखर्जी पीएम होते तो इतनी बर्बादी नहीं हुई होती। प्रणव मुखर्जी जमीन से जुड़े हुए नेता थे। वह समस्याओं को जानते थे। वह इनका समाधान खोज सकते थे। लेकिन, प्रणव दा सफल हो जाएं तो इस परिवार का क्या होगा, इस चिंता में देश को किसी के हाथों में सौंप देना, नाइटवॉच की परंपरा चलाना… यह गांधी-नेहरू परिवार के समर्थकों ने शुरू किया। इतना ही नहीं, इस देश ने बहुत पीएम देखे और अधिकतम कांग्रेस गोत्र के थे। इस देश को एक ही पीएम मिले जिनका गोत्र कांग्रेस नहीं था और वह थे अटल बिहारी वाजपेयी।
जिसने कांग्रेस छोड़ी, पीएम बना
जब तक मोरारजी भाई कांग्रेस में थे तब तक पीएम का कोई स्कोप नहीं था। जब तक चंद्रशेखर कांग्रेस में थे पीएम बनने की कोई संभावना नहीं थी, चरण सिंह जी कांग्रेस में थे पीएम बनने की कोई संभावना नहीं थी। जब तक वी.पी. सिंह कांग्रेस में थे पीएम बनने की कोई संभावना नहीं थी… जब तक आई. के. गुजराल थे, देवगौड़ा थे…. कोई संभावना नहीं थी। लेकिन, जब वे कांग्रेस से निकले देश का पीएम बनने में सफल हुए। कांग्रेस ने पूरी पार्टी को एक परिवार के लिए समर्पित कर दिया और उसके कारण देश में योग्य नेतृत्व पनप नहीं सका। इन सारी समस्यायों की जड़ों में कांग्रेस की विकृतियां हैं। यह दीमक की तरह फैल गई है। और इसे कैसे नष्ट करना हम जानते हैं। इसे खत्म करना है तो इसका एक ही विकल्प है बीजेपी को देश का नेतृत्व प्रदान करना। बीजेपी के कार्यकर्ताओं का पसीना ही इसे खत्म कर सकता है। हमारा पसीना ही
नेहरू की निंदा, शास्त्री जी की तारीफ
मोदी ने कहा कि कांग्रेस की वजह से नहीं लाल बहादुर शास्त्री की कोशिश से देश में अन्न का भंडार भरा है। नेहरू के जमाने तो बाहर से अनाज खरीद कर लोगों में बांटा जाता था और यही उस वक्त सरकार के सबसे बड़ा काम था। शास्त्री जी ने बदला। किसानों के भीतर स्वाभिमान जगाया, देश की दशा बदल गई।
कांग्रेस ने 60 साल बर्बाद कर दिए
देश के 60 साल बर्बाद हो चुके हैं। जब वाजपेजी जी की सरकार थी, पूरी दुनिया ने मान लिया था कि 21वीं सदी में हिंदुस्तान का रुतबा होगा। 2004 के बाद जो घटनाएं घटीं उससे पूरी दुनिया को निराशा हाथ लगी। कांग्रेस के कारनामों की वजह से देश निराशा की गर्त में डूब चुका है। क्या इस देश में बदलाव नहीं आ सकता है?
कांग्रेस दीमक की तरह है
मोदी ने कहा कि देश की सारी समस्याओं की जड़ों में कांग्रेस की विकृतियां हैं। कांग्रेस दीमक की तरह है। कांग्रेस जैसे दीमक को खत्म करना है तो भारतीय जनता पार्टी को लाना होगा। इसके लिए बीजेपी के कार्यकर्ताओं को पसीना बहाना होगा। बीजपी कार्यकर्ता का पसीना ही दीमक की दवाई है।
हम चलें ना चलें, देश चल पड़ा है
कभी-कभी टीवी देखकर हमें निराशा होती होगी। क्या होगा… क्या कांग्रेस जाएगी… इतनी सीटें कैसे आएंगी? ये सारे हिसाब किताब हमारे दिमाग में भरने का काम कुछ लोग कर रहे हैं। यह कांग्रेस को बचाने की चाल है। लेकिन, मैं बताना चाहता हूं हम चलें या न चलें…हम करें या न करें, देश चल पड़ा है। मैं राजनीतिशास्त्र का छात्र रहा हूं और अनुभव के आधार पर कह रहा हूं। देश ने कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का फैसला कर लिया है।
जीत के लिए कार्यकर्ताओं को बधाई दी
मोदी ने कहा कि गुजरात का विजय किसी व्यक्ति का विजय नहीं है। यह विजय भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के एकनिष्ठ पुरुषार्थ का परिणाम है। गुजरात का विजय समय पर खड़ी उतरी बीजेपी की विचारधारा की जीत है। यह बीजेपी की राजनीतिक संस्कृति के प्रति प्रजा के विश्वास का परिणाम है। यह राष्ट्रीय नेताओं के मार्गदर्शन की जीत है। यह गुजरात की जनता का विजय है। कल जो मेरा सम्मान हुआ इसके अधिकारी देश के लाखों कार्यकर्ता हैं, गुजरात की जनता है। यह सम्मान मैं उनकी चरणों में सौंपता हूं।
वाजपेयी सबसे सफल मजूबत पीएम
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस देश को एक ही मजबूत पीएम मिला…वह हैं अटल बिहारी वाजपेयी। वाजपेयी ने लगातार 2 बार परमाणु परीक्षण किए। हमने दुनिया को दिखाई अपनी ताकत। कांग्रेस शासन ने देश को निराशा की ओग धकेल दिया। देश निराशा के गर्त में डूबा हुआ है। देश के लोगों में अरमान जगाने की जरूरत है।
बीजेपी सरकारों की तारीफ की
नरेंद्र मोदी ने कहा कि नक्सलवाद के लिए केंद्र सरकार के पास कोई विजन नहीं। हमारे छत्तीसगढ़ के सीएम डॉक्टर रमन सिंह नक्सलिजम पर मॉडल दिया पर सरकार ने इसलिए ध्यान नहीं दिया, क्योंकि वह बीजेपी की नीतियां हैं। आदिवासियों को रमन सिंह ने बहुत कुछ दिया। पर केंद्र ने कुछ नहीं किया। दिल्ली सरकार ने युवाओं को मरने के लिए छोड़ दिया। हर जान की कीमत होती है। कांग्रेस से देश को मुक्ति दिलाना भी एक देश भक्ति का काम है।
मनमोहन सरकार के पास आर्थिक विजन नहीं
इन दिनों आर्थिक सुधार की बात चल रही है। पीएसयू कंपनियों के लिए सरकार के पास कोई विजन नहीं है। हमने 12 सालों में बिजली की कीमतों में इजाफा नहीं किया। हमारे पास बिजली सरप्लस है। पॉलिटिकल पंडितों का विश्लेषण ठीक नहीं है। हमने देश को विकास पर बहस करना सिखाया। सबको विकास पर चर्चा के लिए मजबूर किया।
इस मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजर
मोदी बोले, इस काउंसिल की मीटिंग पर पूरी दुनिया का ध्यान है। क्रिकेट की कॉमेंट्री की तरह यहां की खबरें पूरी दुनिया में पहुंचाई जा रही हैं। आप समझ रहे हैं इसका कितना बड़ा महत्व है?
ऐसी सरकार मंजूर नहीं
मोदी ने कहा कि दिल्ली में जो सरकार बैठी है इसका होना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है। हमारे होते हुए हिंदुस्तान के तख्त पर ऐसी सरकार हो यह हमें मंजूर नहीं। कांग्रेस ने देश को डूबो दिया। गरीब के घर चूल्हा नहीं जलता। महंगाई गरीब को मार रही है। दिल्ली में बैठी हुई सरकार…सरकार है कि नहीं यह महसूस नहीं होता।
पॉलिटिकल पंडितों को दी चुनौती
मैं पॉलिटिकल पंडितों से आह्वान करता हूं… समय की मांग है कि देश के शासन के अलग-अलग अनुभव हुए हैं। देश ने कई सरकारें देखी हैं। 5 साल का कोई भी काल खंड पसंद कर उसका विश्लेषण कर लिया जाय भारतीय जनता पार्टी सुशासन में नंबर वन पर रही है।