main newsराजनीति

डीएमके ने सरकार से समर्थन वापस लिया

चेन्नै।। पहले से ही मुश्किलों से घिरी यूपीए सरकार को मंगलवार को डीएमके ने बड़ा झटका दिया। चेन्नै में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने यूपीए सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया। जिनेवा में 21 मार्च को यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स कमिशन की बैठक है, जिसमें अमेरिका श्रीलंका में तमिलों पर हुई हिंसा के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने जा रहा है। डीएमके की मांग है कि भारत न सिर्फ इस प्रस्वात का समर्थन करे, बल्कि अपनी तरफ से भी कुछ इनपुट डाले। केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक स्पष्ट रुख नहीं होने से नाराज करुणानिधि ने समर्थन वापसी की घोषणा की है। गौरतलब है कि लोकसभा में डीएमके के 18 सांसद हैं। डीएमके के बाद एक और तमिल पार्टी ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेना का ऐलान किया है। संसद में इस पार्टी के एक सांसद हैं। हालांकि, सरकार को बाहर से समर्थन कर रहीं पार्टियां बीएसपी और एसपी ने समर्थन जारी रखने का ऐलान किया है।

डीएमके के समर्थन वापसी के कुछ ही देर बाद वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि हम डीएमके की मांगों पर विचार करने को तैयार हैं। सरकार संसद में प्रस्ताव लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी ड्राफ्ट पर भी विचार कर रहे हैं। अमेरिका से बात भी करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि डीएमके के समर्थन वापसी से सरकार को कोई खतरा नहीं है। करुणानिधि के मुताबिक, डीएमके के सभी मंत्री बुधवार शाम तक प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि फैसले पर दोबारा विचार संभव है।

मंगलवार को चेन्नै में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीएमके चीफ करुणानिधि ने कहा कि बार-बार अपनी मांग सामने रखने के बाद भी जब यूपीए सरकार ने नहीं मानी तो हमने समर्थन वापसी का निर्णय लिया। हालांकि, करुणानिधि ने कहा कि वह यूपीए सरकार को बाहर से सशर्त समर्थन भी दे सकते हैं बशर्ते शुक्रवार के वोट से पहले केन्द्र सरकार श्रीलंका सरकार के खिलाफ संसद में एक प्रस्ताव पारिक करवाए। अगर ऐसा हुआ तो हम अपने फैसले पर पनर्विचार कर सकते हैं।

गौरतलब है कि डीएमके ने श्रीलंका मुद्दे पर केंद्र सरकार को अल्टिमेटम दे रखा था। डीएमके चीफ करुणानिधि को मनाने के लिए 3 केंद्रीय मंत्री सोमवार को चेन्नै पहुंचे, लेकिन करुणानिधि अपने रुख से टस से मस नहीं हुए। उन्होंने नई मांग रख दी थी कि सरकार उनके 2 सुझावों को माने और इस बारे में संसद में रिजॉल्यूशन भी पास करे। कांग्रेस की तरफ से कोई ठोस आश्वानस नहीं मिलने के बाद करुणानिधि ने समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया।

मायावती, मुलायम का समर्थन जारी
डीएमके के समर्थन वापसी के बाद संकट में घिरी यूपीए सरकार को मायावती और मुलायम का सहारा मिला है। पहले से ही बाहर से समर्थन दे रही दोनों पार्टियों ने एक बार फिर सरकार को समर्थन की बात दोहराई है। समाजवादी पार्टी ने कहा कि हम यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन देते रहेंगे। मायावती ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए हम सरकार को समर्थन जारी रखेंगे। हम नहीं चाहते कि सत्ता सांप्रदायिक हाथों में चली जाए।

सरकार पर कितना खतरा?
फिलहाल आंकड़ों के लिहाज से सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। डीएमके के कुल 18 और वीसीके के 1 सांसद हैं। यूपीए गठबंधन सरकार में कुल 254 सांसद हैं जिसमें कांग्रेस के 206, डीएमके के 18, एनसीपी के 9, आरएलडी के 5, और 16 अन्य सांसद शामिल हैं। डीएमके के 18 और वीसीके के एक सांसद के हट जाने से यूपीए के कुल 235 सांसद बचेंगे। इसके अलावा सरकार को एसपी के 22, बीएसपी के 21, आरजेडी के 3 और जेडीएस के 3 सांसदों का भी समर्थन हासिल है। यह आंकड़ा कुल 284 तक पहुंच जाता है, जो बहुमत के आंकड़े 272 से काफी ज्यादा है।

असमंजस में क्यों सरकार?
यूपीए सरकार को इस बात का डर है कि अगर उसने अमेरिकी प्रस्ताव में श्रीलंका के खिलाफ संशोधन पेश किया तो आने वाले समय में पाकिस्तान और चीन जैसे देश कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों के मसले को इसी अंदाज में इंटरनैशनल मंच पर उठा सकते हैं। इसके अलावा भारत सरकार श्रीलंका की राजपक्षे सरकार से अपने रिश्ते भी खराब नहीं करना चाहती है।

सरकार पर खतरा नहीं: चिदंबरम
डीएमके के समर्थन वापसी के निर्णय के बाद आनन-फानन में कांग्रेस कोर कमिटी की बैठक बुलाई गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है सरकार श्रीलंका मुद्दे पर संसद में प्रस्‍ताव लाएगी। सरकार ने यह भी कहा है कि वह श्रीलंका मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों से भी चर्चा करेगी। इस मौके पर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार के पास बहुमत है और उसे कोई खतरा नहीं है। उन्‍होंने कहा कि सरकार डीएमके के दोनों मांगों पर विचार करेगी।

संसद में यूपीए
कांग्रेस – 203
एनसीपी – 9
आरएलडी – 5
नैशनल कॉन्फ्रेंस – 3
इंडियन मुस्लिम लीग – 2
केरल कांग्रेस – 1

यूपीए को बाहर से समर्थन दे रहीं पार्टियां
समाजवादी पार्टी – 22
बहुजन समाजवादी पार्टी – 21
राष्ट्रीय जनता दल – 3
जनता दल सेक्युलर – 3
एआईएमएम – 1
एआईयूडीएफ -1
निर्दलीय – 9

NCR Khabar News Desk

एनसीआर खबर.कॉम दिल्ली एनसीआर का प्रतिष्ठित और नं.1 हिंदी समाचार वेब साइट है। एनसीआर खबर.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय,सुझाव और ख़बरें हमें mynews@ncrkhabar.com पर भेज सकते हैं या 09654531723 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं

Related Articles

Back to top button