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कठोर हुए मुलायम, बेनी ने अपने बयान पर जताया खेद

नई दिल्ली।। डीएमके के नाता तोड़ने के बाद मुश्किल में फंसी यूपीए सरकार को समर्थन के बदले समाजवादी पार्टी (एसपी) ने कीमत वसूलनी शुरू कर दी है। राजनीति के इस शह-मात के इस खेल में एसपी को पहली सफलता दिखती मिल भी रही है। केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद के इस्तीफे पर अड़े मुलायम सिंह के कड़े रुख को देखते हुए कांग्रेस भी बैकफुट पर दिख रही है। पीएम से मिलने के बाद बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने बयान पर खेद जताया है। इस बीच, मुलायम सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि बेनी प्रसाद वर्मा पर फैसला अब कल होगा।

गौरतलब है कि 16 मार्च को गोंडा में बेनी प्रसाद ने कहा था, ‘…कांग्रेस तुमको नहीं पूछने वाली है। समर्थन दे रहे हो इसलिए पैसा लेते रहो। खूब कमिशन खाओ…परिवार में लुटाओ…विदेश में जमा करो। बेनी प्रसाद वर्मा यह नहीं करेंगे। अपराध और बेईमानी तो तुम्हारा पेशा है। सबसे बड़ा अभिशाप है इस प्रदेश के लिए मुलायम सिंह यादव। मायावती भी लुटेरी थीं लेकिन ये लुटेरा और गुंडा दोनों है। कैसे बचाओगे अपने प्रदेश को। आतंकवादियों से इसके रिश्ते हैं। बेनी प्रसाद वर्मा को मरवा डालोगे तो सौ बेनी प्रसाद पैदा होंगे। अभी तुम्हारा आखिरी कार्यकाल है। तुम क्या डराना चाहते हो। कांग्रेस से हम नहीं डरे, तो तुम तो अभी चुहिया हो।’

राष्ट्रपति को डीएमके की समर्थन वापसी की चिट्ठी मिलने के साथ ही बुधवार को सुबह को समाजवादी पार्टी ने अपने तेवर सख्त कर लिए। एसपी महासचिव रामगोपाल यादव ने संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही ऐलान कर दिया कि अगर बेनी प्रसाद वर्मा को केंद्रीय मंत्री के पद से नहीं हटाया, तो संसद नहीं चलने देंगे। एसपी के ऐलान के मुताबिक तीन बजे तक उसके सांसदों ने संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी है। इस बीच पर्दे के पीछे से समझौते की कोशिश जारी है। बढ़ते बवाल को देखते हुए प्रधानमंत्री ने बेनी प्रसाद वर्मा को मिलने के लिए बुलाया। पीएम से मिलने के बाद बेनी ने कहा कि मुझे अपने बयान पर खेद है। अगर किसी को मेरे बयान से दुख पहुंचा है तो मैं इसके लिए खेद जताता हूं।

बेनी बनाम मुलायम के मसले पर समाजवादी पार्टी को बीजेपी का साथ भी मिलता नजर आ रहा है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि मुलायम सिंह यादव को लेकर बेनी प्रसाद वर्मा की टिप्‍पणी आपत्तिजनक है और इसे विशेषाधिकार समिति को सौंपा जाना चाहिए। सुषमा ने कहा कि मुलायम सिंह यादव सदन के काफी सम्‍मानित नेता हैं। उन्होंने बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग भी की।

इसके पहले रामगोपाल यादव ने कहा कि अभी तो हम सरकार को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन कब तक देंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है। एसपी महासचिव ने कहा कि कांग्रेस की गलतियों से कई दल यूपीए को छोड़कर अलग हो रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरूरत है। समर्थन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अभी तो हम सरकार को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन आगे का पता नहीं। राजनीति में चीजें स्थाई रूप से तय नहीं होतीं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने पीएम के नेतृत्व पर भी सवाल उठा दिया था। उन्होंने यहां तक कहा कि एनडीए के कार्यकाल में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जिस तरह सबको साथ लेकर चलते थे, वह मनमोहन सिंह कर पाने में नाकाम रहे हैं।

गौरतलब है कि यूपीए से डीएमके के हटने के बाद अब सत्ताधारी गठबंधन के पास 232 सांसद ही बच गए हैं। पिछले साल एफडीआई के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के हटने के बाद पहले ही अल्पमत में आ चुकी यूपीए-दो सरकार के सामने अब कार्यकाल पूरा करने की चुनौती बढ़ गई है। अब यूपीए सरकार पूरी तरह से एसपी और बीएसपी के रहमोकरम पर चलने वाली है।

NCR Khabar News Desk

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