एंबुलेंस के झटके से जी उठे ‘मृत’ पूर्व मंत्री

 

पठानकोट लंबे समय से बीमार पूर्व मंत्री के प‌र‌िजनों को लगा क‌ि उनकी मौत हो गई है और अंत‌िम संस्कार के ल‌िए उन्हें लेकर घर के ल‌िए चल पड़े।

लेक‌िन रास्ते में एंबुलेंस में लगे झटके की वजह से एकाएक उनकी सांसें चल पड़ीं। अब उन्हें एक बार फ‌िर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

हालांक‌ि कथ‌ित मौत से पहले उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने यह नहीं कहा है क‌ि उनकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों का कहना है क‌ि पूर्व मंत्री को वेंट‌िलेटर पर रखा गया था और पर‌िजन उन्हे अपनी मर्ज़ी से छुट्टी करवाकर ले गए थे।

डॉक्टरों का कहना है क‌ि पूर्व मंत्री को लीवर सिरोसिस की बीमारी है और लीवर काफी काफी हद तक खराब हो चुका है। इसका असर मरीज के शरीर के कई अन्य अंगों पर भी पड़ा है।

क्या सच में मौत हुई थी?
पठानकोट जिले के सुजानपुर से विधायक और पंजाब कैबिनेट में मंत्री रहे सतपाल सैनी के बेटे विजय सेनी ने बताया कि पूर्व मंत्री को लीवर की समस्या की वजह से 22 दिन पहले उपचार के लिए डीएमसी लुधियाना में भरती करवाया गया था।

बेटे का कहना है क‌ि शुक्रवार की सुबह उनकी हालत बिगड़ गई और सांस बंद पाकर परिजन उन्हें अस्पताल से छुट्टी करवा कर वापस पठानकोट के लिए लेकर चल पड़े।

इस बीच स्थानीय टीवी चैनलों पर सतपाल सैनी की मौत की ख़बरें भी चल पड़ीं। सूचना पाकर बड़े नेताओं के शोक संदेश भी आ गए।

प‌र‌िजनों का कहना है क‌ि रास्ते में एबुलेंस का झटका लगा तो सतपाल सैनी की सांसे दोबारा लौट आईं। दूसरी ओर अस्पताल के प्रवक्ता ने व‌िरोधाभासी बयान जारी क‌‌िया है।

दयानंद मेडिकल कालेज (डीएमसी) ने मीडिया को जारी बयान में कहा है क‌ि सतपाल सैनी को परिजन डॉक्टरी सलाह के विपरीत छुट्टी करवा कर ले गए थे। इसके लिए अस्पताल की ओर से बाकायदा लामा सर्टिफिकेट भी जारी किया गया है।

इसका मतलब ये है क‌ि अस्पताल ने पूर्व मंत्री को मृत घोष‌ित नहीं क‌िया था। परिजनों ने फ‌िर से जी‌व‌ित हुए पूर्व मंत्री को पठानकोट के रावि अस्पताल में भर्ती करा दिया है।