उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के संतोषपुर इटगांव में जातीय कहर के शिकार दंपति अब भी लापता हैं। इलाके में पीएसी तैनात है, इसके बाद भी ग्रामीण दहशत में है।
भाजपा ने इस घटना पर अब तक जारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाया है।
वहीं, पुलिस ने तीन दिन बाद पीड़ित चंद्रमहेश भटेले की तहरीर पर ग्राम प्रधान व अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
इटावा कांड गर्माया, 4 परिवारों ने गांव छोड़ा
गौरतलब है कि मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृह जिले में एक जाति विशेष के दबंगों ने दूसरे जाति के कुछ परिवारों पर हमला बोल दिया।
उन्होंने परिवार के सदस्यों को घरों से खींच-खींच कर बर्बरता से पीटा, मुंह पर कालिख पोती और जूते-चप्पलों की माला पहनाकर डंडे, लात-घूंसे बरसाते हुए पूरे गांव में घुमाया।
हमले का शिकार हुए राजीव लोचन व उनकी पत्नी संतोषी का अब तक कोई अता-पता नहीं है।
मंगलवार को जब हमलावर राजीव लोचन के भाई शिवकुमार वाजपेयी, उर्मिला व उनके बेटे मनीष को घर से बाहर ले जाकर मारपीट कर रहे थे तब राजीव व संतोषी उन्हें बचाने गए थे।
हमलावरों ने उन्हें भी पकड़ लिया और पिटाई करते हुए अपने साथ लेते गए। पुलिस ने अन्य लोगों को तो हमलावरों के कब्जे से छुड़ा लिया लेकिन राजीव लोचन व संतोषी का आज तक पता नहीं चल पाया।
शिवकुमार वाजपेई ने कहा कि उनके भाई और भाभी को दबंगों ने अपने कब्जे में ले लिया था। मारपीट के कारण वह लोग उस समय काफी घबराए हुए थे। उन्होंने कहा, ‘पुलिस हम लोगों को इटावा ले गई थी। हमने सोचा कि वे दोंनो घर पर होंगे। लेकिन जब हम शाम को वापस आए तो वह दोनों घर पर नहीं मिले। काफी तलाशा लेकिन आज तक उनका कोई पता नहीं चल सका।’
राजीव लोचन के बेटे मनीष वाजपेई ने बताया कि माता पिता को उसने अपने नातेदारों और रिश्तेदारों में भी काफी तलाश किया है, लेकिल कहीं भी उनके होने की जानकारी नहीं मिली है।
परिजनों का आरोप है कि हमलावरों ने राजीव लोचन और उनकी पत्नी को कहीं गायब कर दिया है।
इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। वहीं, पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद चंद्रमहेश भटेले की तहरीर पर सिविल लाइन थाने में ग्राम प्रधान सुशील कुमार यादव के अलावा गुड्डू, विक्रम सिंह, बीरेंद्र सिंह तथा ओमप्रकाश के खिलाफ धारा 147, 355, 452, 325, 504, 506 और 341 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भटेले से प्रार्थनापत्र मंगलवार को घटना वाले दिन ही एसएसपी राजेश मोदक ने लिखवा लिया था, लेकिन रिपोर्ट केवल शिवकुमार बाजपेई की तहरीर पर दर्ज की थी।
इटावा की घटना पर मुख्यमंत्री चुप क्यों?
भाजपा ने इटावा की घटना को लेकर राज्य सरकार की नीति व नीयत पर सवालिया निशान लगाया है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने गुरुवार को यहां मुख्यमंत्री से चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि उनके गृह जिले में घटी इस घटना ने न सिर्फ उनकी सरकार को बल्कि खुद उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया है।
मुख्यमंत्री को अपनी असफलता का ठीकरा विपक्ष व मीडिया पर फोड़ने के बजाय इन घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई करके कानून के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित करना चाहिए।