ऐसे देश में जहां एयरपोर्ट से निकलते ही दोनों ओर गन्ने के लहलहाते खेत नजर आते हों और कार में बैठते ही एफएम पर ‘अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं…’ जैसे तराने सुनाई दें, थोड़ी-थोड़ी दूरी पर इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप दिखें, एलआईसी, बैंक ऑफ बड़ौदा के बोर्ड नजर आएं तो आपको लगेगा कि आप भारत के किसी विकसित जिले में आ गए हैं और 26 जनवरी या 15 अगस्त आने वाला है।
लेकिन यह नजारा है मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस का। मंगलवार को मॉरीशस अपना राष्ट्रीय दिवस मना रहा है और उसमें मुख्य अतिथि होंगे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी।
इस उपलक्ष्य में मॉरीशस का बेस्ट एफएम किसी भी भारतीय एफएम की तरह विशुद्ध हिंदी में भारत के राष्ट्रपति के पधारने का जिक्र करते हुए ‘जहां पांव में पायल, हाथ में कंगन, हो माथे पर बिंदिया…’ जैसे गाने लगातार बजा रहा था।
सोमवार को सर शिवसागर रामगुलाम एयरपोर्ट पर जैसे ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का विमान उतरा, उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई और उनकी अगवानी करने खुद प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम अपनी पूरी कैबिनेट के साथ हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
इसके अलावा भारतीय समुदाय के लगभग 300 लोग मुखर्जी का स्वागत करने के लिए उपस्थित थे। मॉरीशस की आबादी लगभग 12 लाख है और इसमें लगभग 70 फीसदी लोग भारतवंशी हैं।
इनमें बड़ी संख्या बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की है जिन्हें बंधुआ मजदूर बनाकर यहां लाया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपने को इस देश में स्थापित किया।
मॉरीशस के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले सर शिवसागर रामगुलाम 12 मार्च, 1968 को पहले प्रधानमंत्री बने। यहां भी भारतीय लोकतंत्र की तरह संसदीय व्यवस्था है और प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम हैं और राष्ट्रपति राजकेश्वर प्रयाग हैं।
यहां महाशिवरात्रि बड़े जोर शोर से मनाई जाती है। राजधानी पोर्ट लुइस में एक गंगा तालाब है जहां भव्य शिव मंदिर है और हाल में महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों लोग यहां मौजूद थे।
आशय यह है कि मॉरीशस में भारतीय संस्कृति और भारतीयता की गहरी छाप है। इस देश का भोजन, पहनावा, रीति रिवाज कोई भी क्षेत्र भारतीय से अछूता नहीं है।
हालांकि सरकारी भाषा अंग्रेजी है लेकिन आम बोलचाल की भाषा अफ्रीकी मूल की क्रियोल है जिसमें विभिन्न भाषाओं की छाप है, लेकिन हिंदी और भोजपुरी बोलने और समझने वालों की संख्या भी बड़ी है।
–मॉरीशस की आबादी लगभग 12 लाख है जिसमें 70 फीसदी भारतवंशी हैं, बाकी के ईसाई, मुस्लिम और बौद्ध हैं।
–मॉरीशस का समाज विभिन्न जातीय समूहों से मिलकर बना है, लेकिन देश आजाद होने के बाद से यहां भारतीय मूल के लोगों का दबदबा रहा है। यहां के लोगों में अधिकांश भारत, अफ्रीका, फ्रांस, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलियाई मूल के हैं।
–यहां सरकारी कामकाज में अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल होता है लेकिन लोग हिंदी, भोजपुरी, फ्रेंच, क्रियोल भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं।