लड़के और लड़की की मुलाकात और प्रेम होने के परंपरागत फार्मूले से इतर अब भारतीय सिनेमा और फिल्म निर्माता लड़कों के बीच दोस्ती को विषय के रूप में रखने लगे हैं। आने वाली फिल्में ‘काई पो चे’ ‘ग्रैंड मस्ती’ और ‘चश्मे बद्दूर’ इसी बात का समर्थन करती हैं। आने वाले समय में ऐसी फिल्में खूब दिखेंगी।
फिल्म ‘दिल चाहता है’ से लेकर ‘थ्री इडियट’ और ‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’ जैसी फिल्में पुरुषों की दोस्ती पर आधारित थीं जिसे हर वर्ग के दर्शकों ने देखा और सराहा। अब ऐसी फिल्में तेजी के साथ बन रही हैं। इनके सफल होने की बड़ी वजह यह है कि यूथ इन फिल्मों को अपने साथ जल्द ही रिलेट कर लेते हैं।
‘काई पो चे’ के बाद फारूक शेख, राकेश बेदी और रवि बासवानी अभिनीत फिल्म ‘चश्मे बद्दूर’ की रीमेक फिल्म जल्द रिलीज होने वाली है। डेविड धवन निर्देशित फिल्म में नए कलाकारों अली जाफर, सिद्धार्थ और दिव्येंदु शर्मा ने काम किया है।
धवन कहते हैं कि फिल्म दोस्ती के रिश्ते पर आधारित है जिसमें विश्वास है, भरोसा है और ढेर सारी शरारतें हैं। मैं इस तरह की फिल्में देखना पसंद करता हूं। यह युवा ऊर्जा से भरी फिल्म है और इसकी शूटिंग काफी मजेदार रही। दोस्तों और परिवार के साथ फिल्म का मजा लिया जा सकता है।
इस शुक्रवार निर्देशक अभिषेक कपूर की फिल्म ‘काई पो चे’ प्रदर्शित हो रही है। सुशांत सिंह राजपूत, अमित साध और राजकुमार यादव ने फिल्म में काम किया है। जिंदगी को भरपूर जीने की ख्वाहिश रखने वाले तीन युवा दोस्तों की यह कहानी है। इन फिल्मों के अलावा दोस्ती को परिभाषित करने वाली कई अन्य फिल्में भी देखने को मिलेंगी।