एक धार्मिक नेता की हत्या के बाद भड़के दंगों में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से महज 30 किमी दूर 200 घरों को जला दिया गया और समुदाय विशेष की दर्जनों दुकानों में लूटपाट की गई। मामले में कार्रवाई न होने के कारण पुलिस पर भी लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, राज्य के दक्षिणी 24 परगना जिले में 18-19 फरवरी की रात दो धार्मिक नेताओं पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। ये दोनों एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेकर मोटरसाइकिल से लौट रहे थे।
इसके तुरंत बाद अफवाह उड़ी की हत्या में एक संगठन विशेष का हाथ है, जिसके बाद गत 19 फरवरी को जिले के केनिंग थाना क्षेत्र के नलियाखली, हीरोभंगा, गोपालपुर और गोलडोगरा गांवों में लूटपाट और आगजनी की गई। आगजनी में 200 घरों को जला दिया गया और 750 घरों पर हमले हुए। एक समुदाय विशेष के लोगों को इलाके को छोड़ कर भागना पड़ा।
स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, उपद्रवियों को रोकने का प्रयास कर रहे पुलिसकर्मियों पर भी हमले किए गए, जिनमें दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस के कई वाहन भी जला दिए गए। दंगाइयों ने भंगनखली, प्रियोर मोड़ और नौतनहाट में चक्कजाम भी किया, जिसके बाद इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात करना पड़ा।
19,20,21 फरवरी को हुए दंगों में पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप भी लगे। पुलिस पर यह आरोप लगाया गया कि उसने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। बताया जा रहा है कि दंगाई एक ट्रक में भरकर कोलकाता से आए थे। इस बात की पुष्टि खुफिया एजेंसियों ने भी की, लेकिन पुलिस ने इसे रोकने का प्रयास नहीं किया। फिलहाल इलाके में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन शांत बनी हुई है।