नई दिल्ली।। प्रमुख 11 ट्रेड युनियनों की अपील पर दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल गुरुवार शाम को समाप्त हो गई। पहले दिन अंबाला में एक युनियन लीडर की मौत और नोएडा में हिंसा की घटनाएं छाई रहीं तो दूसरे दिन दिल्ली में कई फैक्ट्रियों पर हमले और तोड़फोड़ की खबर है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में काम पर न आने की वजह से एक शख्स का कान काट लिए जाने की घटना ने सबको सकते में डाल दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को दिल्ली के ओखला इंडस्ट्रियल एरिया में कई फैक्ट्रियों पर हमला और तोड़फोड़ किया गया। उपद्रवी तत्वों ने खास तौर पर गारमेंट फैक्ट्रियों को निशाना बनाया। पुलिस के मुताबिक गुरुवार को ओखला में सैकड़ों लोगों की भीड़ आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ नारे लगाते हुए जा रही थी। अचानक इस भीड़ ने फैक्ट्रियों पर हमले करने शुरू कर दिए। हमले करने वाली इस भीड़ में से कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में हड़ताल का समर्थन करने और काम पर न आने की वजह से कथित तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने एक पंचायतकर्मी का कान काट लिया है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस आरोप को गलत बताया है।
हड़ताल के दूसरे दिन भी दिल्ली समेत कई शहरों में सड़कों पर ऑटो और टैक्सी की संख्या कम रही। इसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हुई। मुंबई में एलआईसी, आरबीआई, बैंकिंग के कुछ संगठन, सरकारी कर्मचारी, इंडस्ट्रियल सेक्टर के कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। ऑटो-टैक्सी के इससे अलग रहने की वजह से वहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ज्यादा असर नहीं दिखा। बिहार में आरा और जहानाबाद में हड़ताल समर्थकों द्वारा ट्रेनों को रोके जाने की खबर है। बंगाल में फाइनैंशल इंस्टिट्यूशन बंद रहे लेकिन बाजार खुले रहे। सड़कों पर भी गाड़ियों की संख्या ठीकठाक थी। बेंगलुरु में हड़ताल का खास असर नहीं दिखा। हालांकि स्कूल और कॉलेज बंद रहे।
गुरुवार को मारुति और हीरो जैसी कंपनियों के कर्मचारी भी हड़ताल के समर्थन में आ गए। चंद महीने पहले ही दिल्ली के पास गुड़गांव में मारुति की फैक्ट्री में जो कुछ घटा था उसके देखते हुए प्रशासन अलर्ट रहा। नोएडा में कल हुई हिंसा के मद्देनजर दिल्ली के इंडस्ट्रियल और अन्य कमर्शल एरिया में पुलिस ज्यादा चौकसी बरती। ट्रेड यूनियनों के दो दिन के भारत बंद को ध्यान में रख कर कल भी अतिरिक्त इंतजाम किए गए थे, लेकिन नोएडा में हिंसा के बाद कई इलाकों में बंदोबस्त और बढ़ा दिया गया है। ऑफिसरों से हालात पर बराबर नजर रखने को कहा गया है। पीसीआर और लोकल पुलिस की गाड़ियां बराबर गश्त कर रही हैं। नोएडा में कई प्राइवेट स्कूल आज बंद कर दिए गए हैं।
नोएडा के फेज 2 इंडस्ट्रियल हिंसा के मामले में पुलिस कंपनियों के सीसीटीव फुटेज से आसपास के गावों में घर-घर जाकर उपद्रवियों की पहचान कर रही है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि कंपनियों में तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों में ज्यादातर आसपास के गांवों के असमाजिक तत्व थे। इनका हड़ताल से कोई लेना-देना नहीं था। दूसरी तरफ भारी सुरक्षा के बावजूद इन कंपनियों में गुरुवार को कर्मचारियों की संख्या काफी कम रही। कंपनियों के प्रबंधन का कहना है कि कर्मचारियों की कम मौजूदगी से उनकी उत्पादकता प्रभावित होगी और कुछ ऑर्डर कैंसल भी हो सकते हैं