भ्रष्टाचार और महंगाई के आरोपों से घिरी यूपीए सरकार कल अपना आम बजट पेश करेगी। प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद वित्तमंत्री बने पी चिदंबरम इस बार अपना पहला बजट पेश करेंगे। चिदंबरम के पद संभालने के बाद सरकार ने अर्थव्यवस्था में तूफानी तेजी लाने के लिए रिटेल में एफडीआई, डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त करने और रियायती सिलेंडरों की संख्या सीमित करने जैसे फैसले कर चुकी है।
इन फैसलों का अर्थव्यवस्था पर खास प्रभाव तो नहीं दिखा, लेकिन महंगाई ने जरूर आम आदमी की कमर तोड़ दी है। लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी यूपीए सरकार हालांकि इस बजट से जनता को जोड़ने की उम्मीद कर रही है लेकिन संकेत बताते हैं कि जनता को महंगाई से कोई भी राहत नहीं मिलने वाली है। बजट बाद खाने-पीने की वस्तुएं, मोबाइल फोन, किताबें, कॉफी, समेत रोजमर्रा की कई चीजें महंगी हो सकती हैं।
वैसे भी रेल बजट में इस बार माल भाड़ा बढ़ने के कारण कई वस्तुओं की कीमत 5-10 फीसदी तक बढ़ेगी। सीमेंट, लोहा, तेल, अनाज, कंप्यूटर और लघु उद्यमों में तैयार होने वाले सामानों की कीमत तो और आसमान पर जाएगी।
दरअसल, सरकार करीब 70 से ज्यादा नए आइटम पर एक्साइज ड्यूटी लगाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक रियासती दरों पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी के दायरे से भी कई आइटम को बाहर किया जा सकता है।
फिलहाल इस समय 240 आइटम पर एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती है। इस बार बजट में मोबाइल, कॉफी और किताबों पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जा सकती है। मोबाइल फोन पर एक्साइज में 1 फीसदी की बढ़ोत्तरी संभव है। वहीं, गोल्ड बार, सिक्कों पर भी एक्साइज ड्यूटी 1 फीसदी बढ़ाई जा सकती है।
इसके अलावा मेरिट गुड्स कैटेगरी के आइटम पर भी 8 फीसदी की ड्यूटी लगाई जा सकती है। केलकर कमेटी ने मेरिट गुड्स सीमित करने की सिफारिश की थी। अभी मेरिट गुड्स पर 6 फीसदी की एक्साइज ड्यूटी लगती है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार सामान्य तौर पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर 14 फीसदी करने पर भी विचार कर रही है। एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी से सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
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