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शहर में नवरात्रि महोत्सव पर लगा व्यवसायिकता और और बालीवुड के अश्लील गानों का ग्रहण : सोसाइटी सोसाइटी हो रहा पूजा के नाम पर फूहड़ फिल्मी गानों पर मनोरंजन

शहर भर में नवरात्रि की धूम है, जगह जगह बड़े बड़े पंडाल मां दुर्गा की आराधना और भगवान राम की लीलाओं के लिए लगाए गए है । लोगो में त्योहारों को लेकर उत्साह है लेकिन इस सब के बीच पूरे शहर में सोसाइटी सोसाइटी होने वाले दुर्गा पूजा , गरबा के कार्यक्रमों को लेकर तमाम सवाल भी खड़े होने लग गए है । नोएडा ग्रेटर नोएडा की लगभग हर सोसाइटी में गरबा डांडिया और नवरात्रि पूजा के नाम पर माता की मूर्तियां स्थापित की गई और इनमें पूजा आरती के बाद शाम को लगभग 4 घंटे फिल्मी गानों पर तेज आवाज में नृत्य और मनोरंजन कार्यक्रम किए जा रहे हैं शहर में धर्म के नाम पर 9 दिन का भरा पूरा व्यवसाय खड़ा हो गया है इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां हर सोसाइटी के अंदर इस तरीके के कार्यक्रम कर रहे हैं जिसमें पूजा की जगह डीजे कल्चर हावी हो गया है । पहले लोग 9 दिन में एक बार भक्ति भाव से माता रानी का जागरण करते थे अब उसकी जगह गरबा और डांडिया के नाम पर 9 दिन तक म्यूजिकल इवेंट ने ले ली है

सोसाइटी में पूजा तो बहाना है, AOA चुनावों के लिए चेहरा चमकाना है

सोसाइटी में दुर्गा पूजा और डांडिया के बहाने पूजा की जगह डीजे कल्चर पर सही में पूजा करने वालों ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है ग्रेटर नोएडा वेस्ट के रहने वाले चंदन ने एनसीआर खबर को बताया कि जब हम दुर्गा पूजा के बारे में सोचते हैं तो हम 9 दिन माता की पूजा करने के बारे में सोचते हैं लेकिन साथ ही हमारी कामना यह होती है कि हम इन दिनों अपनी आने वाली पीढ़ी को अपने धर्म के बारे में जानकारी दें लेकिन बीते कुछ सालों में पूजा का जिस तरीके से व्यवसायीकरण हुआ है और लोगों ने कभी धार्मिक कही जाने वाली गरबा और डांडिया नाइट को भी अब फिल्मी गानों पर डीजे नाइट बना दिया है उसे देख कर लगता है कि बच्चों को हम यही बता रहे हैं कि दुर्गा पूजा का मतलब ” अभी तो पार्टी शुरू हुई है या बुमरो बुमरो” जैसे फूहड़ फिल्मी गानों पर डांस करना है ।

नोएडा मे 7X मे रहने वाले समाजसेवी शैलेंद्र बरनवाल इस पर कहते है कि कदाचित सोसाइटी में इस तरीके के पूजा के आयोजन धार्मिक आस्था कम एवं चुनाव के लिए अपनी भागीदारी को साबित करना ज्यादा होता है इसलिए आयोजक धार्मिक आयोजन के नाम पर लोगों से चंदा लेते हैं और उसके बाद फिल्मी गानों पर आधारित कार्यक्रमों को आयोजित करते हैं जिससे लोगों को मनोरंजन के नाम पर अपने साथ जोड़ा जा सके । इसीलिए सोसाइटी सोसाइटी हो रही हर दुर्गा पूजा में आप सत्तापक्ष से जुड़े सांसद विधायकों और विपक्ष के बताओ को भी घूमते हुए देख सकते हैं उनके लिए भी इस बहाने साल में एक बार लोगों के साथ मिलने का मौका मिल जाता है

सोसाइटी इवेंट बने स्कूलों और अस्पतालों के बड़े विज्ञापन का केंद्र

सोसाइटी हो रहे इन कार्यक्रमों के लिए शहर के प्रमुख स्कूलों और अस्पतालों में स्पॉन्सर बनने की होड़ लगी हुई है जानकारी की माने तो शहर के बड़े स्कूल जहां बड़ी दुर्गा पूजा ओं को 40 से ₹50000 तक स्पॉन्सरशिप दे रहे हैं वहीं सोसाइटी स्तर पर 5 से ₹15000 तक अपना बैनर और कार्यक्रम करवाने के लिए स्पॉन्सरशिप दे रहे हैं और इन्हीं के अनुरोध पर कार्यक्रमों में फिल्मी गानों पर बच्चों के डांस जैसे कार्यक्रम किए जा रहे हैं ताकि वहां बच्चो के कंपटीशन के नाम पर उनका डाटा स्कूल ले सके । ऐसे में बढ़ती व्यवसायिकता धार्मिक पूजा के स्वरूप को बिगाड़ रही है । इवेंट मैनेजमेंट कंपनिया पैसा देकर कैसी भी स्टॉल लगाकर अपना खर्च निकालने में लग जाती हैं बीते दिनों प्रतीक लॉरेल सोसाइटी में गणपति महोत्सव के नाम पर मीट की दुकानें तक लगाने का वीडियो वायरल होने के बाद काफी हो हल्ला हुआ था

प्रशासन की चुप्पी से उठते सवाल

धार्मिक आयोजनों में फिल्मी गानों पर तेज फ़ूहड़ नृत्य 9 दिन तक बजाने पर स्थानीय प्रशासन भी कोई भूमिका नहीं निभा रहा है जानकारी के अनुसार सोसाइटी सोसाइटी हो रहा है इन कार्यक्रमों में रोजाना 4 घंटे तेज आवाज में फिल्मी गाने बजाए जाते हैं जिससे कुछ लोगों के अलावा बाकी सभी लोगों को परेशानी होती है लेकिन स्थानीय प्रशासन पूजा के नाम पर हो रहे इन मनोरंजन डीजे कार्यक्रम पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है लोगो का कहना है कि किसी भी तरीके से अगर आप ऐसे कार्यक्रमों में तेज आवाज के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो आपको हिंदू विरोधी साबित कर दिया जाता है लेकिन कोई यह नहीं बताता कि हिंदू कार्यक्रम के नाम पर बॉलीवुड के अश्लील हिंदी गानों पर नृत्य करना कौन सी पूजा है

नवरात्रि पूजा, मनोरंजन नही, 9 दिन की है साधना

नोएडा के गौ सेवक और धार्मिक गुरु आचार्य गौतम का कहना है कि नवरात्रि 9 दिन तक मन और शरीर की साधना का नाम है इन 9 दिनों में हम शरीर को डिटॉक्स करते हैं और मन को माता के चरणों में समर्पित करते हैं लेकिन बढ़ती बॉलीवुड संस्कृति और डांडिया नाइट के नाम पर मनोरंजन ने युवाओं को भ्रमित कर दिया है जिसका नुकसान निश्चित तौर पर हिंदू धर्म को हो रहा है ।

ग्रेनो वेस्ट में पहली बार हो रहा नवरात्रि और दशहरा महोत्सव

वहीं ग्रेनों वेस्ट में इस बार सोसायटी के बाहर 6 सोसायटिओं के लोगों को मिलाकर खुले ग्राउंड में आयोजन कर रहे ग्रेटर नोएडा वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष सिंह एनसीआर खबर को बताते हैं कि इसी सोसाइटी के अंदर हो रही इन्हीं बातों को देखते हुए हमने यह निर्णय लिया की पूजा और दशहरे मेले का आयोजन सोसाइटी से बाहर किया जाए ताकि उस आयोजन से लोगों को परेशानी ना हो ।

NCRKhabar Mobile Desk

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